भारतीय तकनीकी पर आधारित हेलिना मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह टेस्ट पोखरण में संपन्न हुआ, तीसरी पीढ़ी के ‘फायर एंड फर्गेट’ तकनीकी पर आधारित यह मिसाइल डीआरडीओ ने विकसित किया है। सोमवार का परीक्षण डीआरडीओ, थल सेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
हेलिना का पोखरण में यूजर वेलिडेशन परीक्षण है। जिसे स्वदेश में निर्मित एडवान्स लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) से फायर किया गया है। परीक्षण में मिसाइल ने सिमुलेटेड टैंक को निशाना बनाया। यह मिसाइल इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) तकनीकी पर आधारित है, जो ‘लॉक बिफोर लॉंच’ मोड पर कार्य करती है।
Flight test of indigenously developed helicopter launched Anti-Tank Guided Missile ‘HELINA’ carried out from Advanced Light Helicopter at high-altitude ranges along with participation of Indian Army and Indian Airforce.@PMOIndia @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @adgpi @IAF_MCC pic.twitter.com/s1LmVTeZgy
— DRDO (@DRDO_India) April 11, 2022
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हेलिना की अन्य विशेषताएं
- इसकी मारक क्षमता है सात किलोमीटर
- डिजाइन एडवान्स लाइट हेलीकॉप्टर के वेपोनाइज्ड शृंखला के लिए की गई है तैयार
- इसे डीआरडीओ, हैदराबाद द्वारा मिसाइल एंड स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स (एमएसएस) क्लस्टर के लिए विकसित किया गया
- यह सभी मौसम में हमला करने में है सक्षम
- इसे दिन रात कभी भी उपयोग किया जा सकता है
- यह सभी प्रकार के टैंकों पर कर सकती है ध्वस्त
- इसका विकास थल सेना और वायु सेना के चॉपर्स के साथ संलग्न करने के उद्देश्य से किया गया
- यह डायरेक्ट हेड मोड और टॉप अटैक मोड के टार्गेट को बना सकती है निशाना