गेट-सेट एंड फायर! ‘हेलिना’ आया, टैंकों के उड़ेंगे परखच्चे  

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भारत सुरक्षा के क्षेत्र में हर दिन तकनीकी का नया परचम फहरा रहा है। हाइपरसोनिक कार परीक्षण, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सागरी वर्जन के सफल परीक्षण के बाद अब थर्ड जेनेरेशन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’ का परीक्षण करके भारत ने दुश्मनों को ‘टच मी नॉट’ की चेतावनी दे दी है।

आयुध के क्षेत्र में भारत तेजी से विकास कर रहा है। इससे चीन छटपटा रहा है, पाकिस्तान पस्त है। इन दोनों दुश्मनों को जल-थल-नभ से मात देने के लिए भारत तैयार है। खबरों के अनुसार थर्ड जेनेरेशन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘हेलिना’ का डीआरडीओ और इंडियन एयर फोर्स के संयुक्त तत्वावधान में परीक्षण किया गया। इस परीक्षण को डायरेक्ट एंड टॉप मोड पर किया गया। सूत्रों के अनुसार परीक्षण सभी मानदंडों के अनुरूप हुआ। इसे सैंट मिसाइल भी कहा जाता है।
सैंट को डीआरडीओं ने विकसित किया है। इंडियन एयर फोर्स के साथ मिलकर अपग्रेडेड हेलिना मिसाइल का विकास अब हुआ है। पहले इस मिसाइल की रेंज 7-8 किमी की थी जो अब बढ़कर 15-20 किमी की हो गई है। इसकी तकनीकी की विशेषता है कि इसे सुरक्षित प्लेटफार्म से प्रक्षेपित किया जा सकता है, जिससे ये दुश्मन के डिफेंसिव फायर रेंज में नहीं आ पाता।

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एंटी टैंक मिसाइल रेंज में बढ़ोतरी
डीआरडीओ लगातार देश की अटैक और डिफेंसिव प्रणाली में सुधार कर रहा है। नई तकनीकी पर आधारित नाग मिसाइल की अलग-अलग रेंज वाली वेरियेंट का विकास हुआ है।
* प्रोस्पीना एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल – रेंज 4 किमी
* मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल – कंधे पर रखकर लांच की जा सकती है
* हेलिना हेलीकॉप्टर से लांच की जानेवाली मिसाइल प्रणाली है। इसे सैंट मिसाइल कहते हैं। इसकी विशेषता है कि एक बार इसका टार्गेट लॉक होने के बाद ये प्रक्षेपित किया जाने पर ये टैंक के बाहरी आर्मर्ड क्षेत्र को खत्म करता है। इसके बाद ये अंदर के क्षेत्र को खत्म कर देता है। यह सभी मौसम में अटैक कर सकता है। परीक्षण के दौरान ये मिसाइल इंफ्रा रेड इमेजिंग सीकर (आईआईआर) ऑपरेटिंग से गाइडेड थी। इसे विश्व में सबसे उन्नत एंटी टैंक मिसाइल माना जा रहा है।
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