रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का स्वदेशी तापस यूएवी रविवार को बेंगलुरु के चित्रदुर्ग टेस्ट रेंज में उड़ान परीक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तेज आवाज के साथ यूएवी के दुर्घटनाग्रस्त होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी। इस घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
तापस का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (टीएपीएएस) है। यह एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस ड्रोन है, जो अमेरिका के एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है। तापस अपने आप ही टेक ऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है। इसे पहले रुस्तम-2 के नाम से पुकारा जाता था, जिसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रति घंटा थी। 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है।
डीआरडीओ के तापस मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस मानव रहित हवाई वाहन को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीए) ने विकसित किया है। एडीए डीआरडीओ का प्रमुख एयरोनॉटिकल सिस्टम डिज़ाइन हाउस है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक मानव रहित हवाई वाहनों और वैमानिकी पद्धतियों का विकास करता है। डीआरडीओ का तापस यूएवी 20 अगस्त की सुबह उड़ान परीक्षण के दौरान चित्रदुर्ग परीक्षण रेंज में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ग्रामीणों ने कृषि क्षेत्रों में तापस के दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरने की सूचना पुलिस को दी।
चित्रदुर्ग के एसपी के.परशुराम ने चल्लाकेरे के पास कुदापुरा में तापस 07ए-14 मानव रहित विमान के कृषि क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि की है। इसके बाद पुलिस और डीआरडीओ की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के मुताबिक इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है, क्योंकि जब यह यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उस समय मैदान पर कोई नहीं था। डीआरडीओ के अधिकारियों ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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