Air Force: वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भू-रणनीतिक परिदृश्य में उभरती सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तेजी से क्षमता वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने युद्ध प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के बीच एकीकृत प्रशिक्षण और परिचालन तालमेल को आवश्यकता बताया। उन्होंने सुरक्षा खतरों के लिए तेजी से क्षमता वृद्धि, संयुक्त कौशल और अनुकूल रणनीतियों पर जोर दिया।
उभरते खतरों का गंभीरता से आकलन करना जरुरी
एयर चीफ मार्शल 12 मार्च को रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी), वेलिंगटन में स्थायी संकाय के साथ 80वें स्टाफ कोर्स में भाग लेने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के छात्र अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दो दिवसीय डीएसएससी के दौरे के आखिरी दिन अपने संबोधन में कोर्स अधिकारियों से बदलाव को अपनाने, उभरते खतरों का गंभीरता से आकलन करने और भविष्य के संघर्षों के लिए अनुकूल रणनीति तैयार करने का आग्रह किया। उनकी इस यात्रा ने एकीकृत संचालन और भविष्य के लिए तैयार नेतृत्व के लिए भारतीय वायु सेना की प्रतिबद्धता को पुष्ट किया।
सशस्त्र बलों के बीच समन्वय की आवश्यकता
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने संयुक्त कौशल के महत्व पर जोर देते हुए भारतीय वायु सेना की चल रही क्षमता विकास पहलों और आधुनिक युद्ध में एकीकृत संचालन के महत्व को रणनीतिक परिप्रेक्ष्य में बताया। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में भारतीय वायु सेना कर्मियों की उपलब्धियों, लचीलेपन और अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इस दौरे में उन्हें डीएसएससी की प्रशिक्षण गतिविधियों और सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कठोर शैक्षणिक और पेशेवर प्रशिक्षण के माध्यम से भविष्य के सैन्य नेताओं को आकार देने में संस्थान की भूमिका को सराहा।