भारत की बढ़ेगी ताकत, इस तिथि तक समुद्री जंग के लिए तैयार हो जाएगा पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि विक्रांत का संचालन शुरू होने के बाद ही नए विमानवाहक पोत पर निर्णय लिया जाएगा।

128

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 02 सितम्बर को भले ही भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ राष्ट्र को सौंप दिया है, लेकिन यह युद्धपोत मई, 2023 तक जंग के लिए तैनात किया जायेगा। अभी इस जहाज को समुद्री जंग ले लिहाज से तैयार किया जा रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच इस युद्धपोत की तैनाती भारत की ताकत बढ़ाएगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि विक्रांत का संचालन शुरू होने के बाद ही 2023 में नए विमानवाहक पोत पर निर्णय लिया जाएगा।

नौसेना के बेड़े में 02 सितम्बर को शामिल होने के बाद स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत मई, 2023 तक युद्ध के लिए तैयार हो जाएगा। पोत पर 30 विमानों के बेड़े में 18 मिग-29 और 12 हेलिकॉप्टर होंगे। कामोव के अलावा अमेरिका से खरीदे गए एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर भी शक्तिशाली पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं के साथ बोर्ड पर होंगे। विमानवाहक पोत को लड़ाकू जेट विमानों के साथ उड़ान भरने और सतह से हवा में मार करने वाली बराक मिसाइलों से लैस होने में 5-6 महीने लग सकते हैं। जहाज से उड़ान परीक्षण नवंबर तक शुरू होने की संभावना है और मई, 2023 तक समाप्त हो जाना चाहिए।

पोत का फ्लाइंग डेक 262 मीटर लंबा और 62.4 मीटर चौड़ा है, जो दो फुटबॉल मैदानों के बराबर है। इसमें दो स्पष्ट रूप से सीमांकित रनवे हैं जिनमें हेलीकॉप्टरों के लिए चक्कर लगाए गए हैं। जहाज के खाना पकाने के क्षेत्र में एक दिन में करीब 10 हजार चपातियां बन सकती हैं। खाना पकाने के क्षेत्र नए गैजेट्स, रोटी मेकर के साथ तैयार किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जहाज पर सवार कर्मचारी भूखे न रहें। आईएनएस विक्रांत की जंगी तैनाती से भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में भारी वृद्धि होगी। अब तक नौसेना के पास आईएनएस विक्रमादित्य के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।

ये भी पढ़ें – अमेरिकी यूनिवर्सिटी में कृपाण रखने पर हिरासत में सिख छात्र, एसजीपीसी ने भारत से की ये मांग

भारतीय नौसेना ने कहा कि अत्याधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से लैस जहाज में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक चिकित्सा परिसर है जिसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी, आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, डेंटल कॉम्प्लेक्स, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं शामिल हैं। आईएनएस विक्रांत 45 दिनों के लिए ईंधन भरने की आवश्यकता के बिना भारत के पूरे समुद्र तट को लगभग दो बार कवर कर सकता है। बिना ईंधन भरे यह जहाज ब्राजील तक जा सकता है। इससे उत्पन्न बिजली कोच्चि शहर को रोशन करने के लिए पर्याप्त है।

नए विमानवाहक पोत पर निर्णय
युद्धपोत के कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर विद्याधर हरके का कहना है कि विक्रांत देश के हितों की रक्षा करने की क्षमता में इजाफा करेगा न कि किसी विरोधी को निशाना बनाने की। शुरुआत में योजनाकारों ने चार विमान वाहक की परिकल्पना की थी, लेकिन अब भारत के पास दो विमान वाहक हैं, लेकिन एक तीसरा महत्वपूर्ण है। यानी अब भारत के पास हर समय दो विमानवाहक पोत होंगे। एक अगर मेंटेनेंस के लिए जाता है तो दूसरा चालू रहेगा। भारतीय नौसेना तीसरे विमानवाहक पोत के लिए जोर दे रही है। इसीलिए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि विक्रांत का संचालन शुरू होने के बाद ही 2023 में नए विमानवाहक पोत पर निर्णय लिया जाएगा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.