भारतीय नौसेना के नेवल एयर एन्क्लेव, पोरबंदर में स्थित आईएनएएस 314 की पांच अधिकारियों ने एक साथ डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला स्वतंत्र समुद्री टोही और निगरानी मिशन पूरा करके इतिहास रच दिया। विमान की कप्तानी मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की। उनकी टीम में पायलट, लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते और सामरिक तथा सेंसर अधिकारी, लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और एसएलटी पूजा शेखावत थीं।
आईएनएएस 314 पोरबंदर, गुजरात में स्थित एक फ्रंटलाइन नेवल एयर स्क्वाड्रन है। यह अत्याधुनिक डोर्नियर 228 समुद्री टोही विमान संचालित करता है। स्क्वाड्रन की कमान एक योग्य नेविगेशन प्रशिक्षक कमांडर एस के गोयल संभाल रहे हैं। इस ऐतिहासिक उड़ान से पहले महिला अधिकारियों को महीनों का जमीनी प्रशिक्षण और व्यापक मिशन ब्रीफिंग दी गई। सशस्त्र बलों में परिवर्तन लाने में भारतीय नौसेना सबसे आगे रही है। यह प्रभावी और अग्रणी महिला सशक्तिकरण पहल है, जिसके तहत महिला पायलटों को शामिल करना, हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में महिला वायु संचालन अधिकारियों का चयन करना शामिल है और इसने 2018 में दुनिया भर में एक अखिल महिला नौकायन अभियान का संचालन किया।
हालांकि अपनी तरह का यह पहला सैन्य उड़ान मिशन अनूठा था और इससे विमानन क्षेत्र में महिला अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी और अधिक चुनौतीपूर्ण भूमिका दिए जाने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है। यह शायद सशस्त्र बलों के लिए एक अनूठी उपलब्धि का प्रतीक है कि केवल महिला अधिकारियों के एक दल ने एक बहु-चालक समुद्री निगरानी विमान में एक स्वतंत्र परिचालन मिशन को अंजाम दिया।
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नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि यह अपनी तरह का पहला सैन्य उड़ान मिशन अद्वितीय था और उम्मीद है कि विमानन संवर्ग में महिला अधिकारियों के लिए अधिक जिम्मेदारी संभालने और अधिक चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं की आकांक्षा रखने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि केवल महिला अधिकारियों के एक दल ने बहु-चालक समुद्री निगरानी विमान में एक स्वतंत्र परिचालन मिशन चलाया। यह वास्तव में एक मिशन था जिसने अपनी वास्तविक भावना में ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया।
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