भारत और यहां के नागरिक चीन और अमेरिका समेत पूरी दनिया के हैकर्स के निशाने पर हैं। वे लगातार भारत के सुरक्षा कवच को भेदकर हमारे डाटा के साथ ही बैंक खातों में भी सेंध लगाने की फिराक में हैं। वे केवल हमारे ही नहीं, बल्कि हमारी सरकार के डाटा पर भी नजर गड़ाए बैठे हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ है। देश के साइबर विशेषज्ञ भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत पर साइबर क्राइम के हमले अमेरिका से किए जा रहे हैं। ये हमले 3-4 आईपी एड्रेस से किए जाते हैं। लेकिन प्रायः अंतिम आईपी एड्रेस अमेरिका का होता है।
दो तरह के हैकर्स सक्रिय
प्रधानमंत्री कार्यालय में नेशनल सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर लेफ्टिनेंट जनरल( रिटायर्ड) राजेश पंत का कहना है कि अमेरिका में साइबर अपराधी गूगल या अमेजन सर्वर की वर्चुअल मशीन हायर कर रखी है। इसमें स्टेट और नॉन स्टेट हैकर दोनों हो सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिका ने अपने नागरिकों का डाटा कानून के माध्यम से सुरक्षित कर लिया है। एप्पल जैसी कंपनी भी अमेरिकी सरकार को डाटा नहीं देती है, लेकिन वहां के हैकर दूसरे देशो के डाटा में सेंध लगा देते हैं।
आतंकवाद जितना ही खतरनाक
दरअस्ल विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर इस दुनिया के युद्ध का नया क्षेत्र है। अमेरिका, रुस, चीन जैसे देश भारत पर हमला करते हैं। ये हमले सरकार और निजी तौर हो सकते हैं। वे हमारी साइबर खामियां पता कर उनका फायदा उठाना चाहते हैं। भविष्य में ये बड़े हमले कर भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह आतंकवाद से कम खरतरनाक नहीं है। इसमें भी साइबर क्राइम को मदद करने के लिए स्लीपर सेल होते हैं। ये हमारी सुरक्षा में सेंध लगाने की दिन-रात कोशिश करते रहते हैं।
इन उपकरणों का इस्तेमाल
इसके लिए वे भारत के विदेशी सामान जैसे मोबाइल, लैपटॉप और गैजेट आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। ऐसे में उनके साइबर हमले का कोई भी शिकार हो सकता है। इसका कारण यह है कि उपकरण बनाने वाले देश उनकी खामियों के बारे में बेहतर जानते हैं। वे इसकी जानकारी इसकी खरीदी के समय साझा नही करते।
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इसलिए किए जा रहे हैं साइबर हमले
चीन और अमेरिका जैसे देश भारत की तरक्की को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे इस तरह के हमले कर भारत के विकास को कमजोर करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत के डिजिटल इको सिस्टम को ध्वस्त करना भी है। साइबर अपराधी भारत के डाटा को चुराने के बाद उन्हें बाहर ले जाकर उनका दुरुपयोग करते हैं। इस डाटा का इस्तेमाल कर वे भारत की सुरक्षा, प्राइवेसी और आर्थिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उनके निशाने पर यहां की सुरक्षा
पावर ग्रिड, एयरपोर्ट एयर ट्रैफिक, साइबर सर्वर, डाटा फाइनैंशियल पर पैसे पर जो हमला होता है, वे विदेशों से होते हैं। इसके पीछे वहां की सरकार और सरकारी एजेंसियां होती हैं।
सनसनीखेज जानकारी
- 2020 में भारत में 13 लाख साइबर हमले किए गए।
- रोजाना करीब साढ़े तीन हजार साइबर हमले किए जा रहे हैं।
- साल में 8-10 बार ही हमले का पता हमें चलता है।