भारतीय सेना ने चीन से लगी सीमा पर बड़ा रणनीतिक बदलाव किया है। सेना प्रमुख एमएम नरवणे के आदेश के बाद नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर के-9 वज्र तोपों की तैनाती की गई है। यह तोप ऊंचे शिखरों पर भी सफलता से हमला कर सकती है।
के-9 वज्र होवित्जर तोप का निर्माण एल एंड टी ने दक्षिण कोरिया की हनवा डिफेन्स के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के अंतर्गत विकसित किया है। भारत का के-9 वज्र दक्षिण कोरिया के, के-9 थंडर का संवर्धित संस्करण है। इसकी मारक क्षमता 50 किलोमीटर की है। इससे पहले लद्दाख में टी-90 टैंक तैनात किया गया है। 75 प्रतिशत होवित्जर तोपों का निर्माण भारत में हो रहा है। इसका गुजरात के हजिरा आयुध निर्माण कारखाने में किया गया है।
इस तोप की तैनाती और प्रदर्शन के दौरान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने सीमा सुरक्षा और पड़ोसियों के बीच दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने कहा है कि, भारत और चीन के बीच सीमा उल्लंघन की घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक कि दोनों पक्ष स्थाई शांति सुनिश्चित करने के लिए सीमा समझौते पर नहीं पहुंच जाते। सीमा पर चीन के दुस्साहस के विषय में उन्होंने बोला कि सीमा पर किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है।