भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने चक्रवात ताउ ते में ओएनजीसी के जहाजों के फंसने की घटनाओं की जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। ओएनजीसी के कई जहाज, जिनमें 600 से ज्यादा लोग सवार थे, चक्रवात के दौरान समुद्र में फंसे गए थे। इस कारण जहाजों पर काम करने वाले 37 कर्मचारियों की जान चली गई, जबकि अब भी 38 कर्मचारी लापता बताए जा रहे हैं। नौसेना अभी भी सर्च ऑपरेशन चलाकर उनकी तलाश में जुटी है।
समिति में अमिताभ कुमार- जहाजरानी महानिदेशक, सी.एल.दास- हाइड्रोकार्बन महानिदेशक,नाजली जाफरी-संयुक्त सचिव और रक्षा मंत्रालय को शामिल कर घटनाओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है। आवश्यकता होने पर समिति अन्य सदस्य को भी शामिल कर सकती है। एक महीने के अंदर समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
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समिति को दिए गए निर्देश की खात बातें
- जहाजों के फंसने और डूबने की और उसके बाद की घटनाओं की जांच।
- क्या मौसम विभाग और अन्य वैधानिक प्राधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनियों पर पर्याप्त रूप से विचार किया गया और उन पर कार्रवाई की गई?
- क्या जहाजों की सुरक्षा के लिए और आपदा प्रबंधन से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का सही रूप से पालन किया गया?
- प्रणालियों में खामियों और कमियों का पता लगाना, जिसके कारण जहाज तूफान में फंस गए।
- इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सिफारिशें देना।