Victoria Port: आईसीजी के जहाज ‘सक्षम’ ने सेशेल्स की यात्रा के साथ समुद्री सहयोग को किया मजबूत!

भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत 'सक्षम' ने 12 मार्च को सेशेल्स के विक्टोरिया पोर्ट पहुंचा, जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग को मजबूत करना और क्षेत्रीय साझेदारी को बढ़ावा देना है।

64

Victoria Port: भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत ‘सक्षम’ ने 12 मार्च को सेशेल्स के विक्टोरिया पोर्ट पहुंचा, जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग को मजबूत करना और क्षेत्रीय साझेदारी को बढ़ावा देना है। बंदरगाह पर प्रवास के दौरान जहाज का चालक दल कई पेशेवर बातचीत में शामिल होगा। यह मुलाकातें अंतर-संचालन को बढ़ाने, आपसी सीख को बढ़ावा देने, भारत और सेशेल्स के बीच समुद्री संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने के लिए डिजाइन की गई हैं।

​आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि प्रवास के दौरान चालक दल की गतिविधियों में उच्च स्तरीय मुलाकातें, संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास और अपने सेशेल्स समकक्षों के साथ खेल आयोजन शामिल हैं। भारत की आउटरीच पहलों के अनुरूप राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट वॉकथॉन और समुद्र तट सफाई गतिविधि में भाग लेंगे, जो भारत सरकार के ‘पुनीत सागर अभियान’ में योगदान देगा। यह अभियान पर्यावरणीय स्थिरता और समुद्री संरक्षण के उद्देश्य से चलाया गया है।

असम राइफल्स के 10 कर्मी भी शामिल
उन्होंने बताया कि आईसीजीएस सक्षम ने असम राइफल्स के 10 कर्मियों को भारतीय तटरक्षक-असम राइफल्स संबद्धता कार्यक्रम के तहत शामिल किया है। यह पहल अंतर-एजेंसी सहयोग को सुगम बनाने के साथ ही असम राइफल्स कर्मियों को समुद्री अभियानों का अनुभव दिलाएगी, जिससे दोनों बलों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान होगा। सेशेल्स की अपनी यात्रा के बाद आईसीजीएस सक्षम मेडागास्कर जाएगा, जहां वह कूटनीतिक संबंधों तथा हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में तटरक्षक बल के बीच सहयोग को बढ़ाएगा।

Highest civilian honour:प्रधानमंत्री मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित, जानिये पीएम को अब तक कितने देशों ने दिया ये ऑनर

मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता
आईसीजीएस सक्षम की यह यात्रा समुद्री सुरक्षा, क्षेत्रीय सहयोग और आईओआर में देशों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। साथ ही वैश्विक दक्षिण देशों के साथ समुद्री साझेदारी को मजबूत करने के इरादे से भारत के वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) के दृष्टिकोण को भी उजागर करती है। यह यात्रा आईओआर में विश्वसनीय समुद्री भागीदार के रूप में भारत की भूमिका उजागर करती है, जो सद्भावना और सहयोग के माध्यम से आपसी हितों को आगे बढ़ाएगी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.