रक्षा क्षेत्र में भारत की ये है ऊंची उड़ान!

रक्षा क्षेत्र में भारत विकास की नई परिपाटी गढ़ने के प्रयत्न में है। इसके लिए स्वदेशी कंपनियों को रक्षा क्षेत्र के कलपुर्जों के निर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य है कि देश की विदेशों पर अवलंबिता को कम किया जाए।

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भारत रक्षा उत्पाद और आयुध का वैश्विकस्तर पर दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। लेकिन इस प्रक्रिया को नियंत्रित करते हुए खर्च पर नियंत्रण और स्वदेशी तकनीकी के विकास के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। जिससे विदेशों पर निर्भरता कम होगी ही साथ ही देश अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वत: करने में सफल होगा। इसके लिए सरकार ने देसी कंपनियों को स्वदेशी हथियारों के निर्माण के लिए भी अनुमति प्रदान कर दी है।

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यशो नाईक ने लोकसभा को सूचित किया कि, रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने पिछले एक वर्ष में 28 सफल परीक्षण किये हैं।
इसके अलावा बड़ी संख्या में स्वदेशी हथियार भी सेनाओं को दिये हैं। इसमें बियांड वीजुअल रेंज मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम, इंडियन मेरीटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम, हैवी वेट टॉर्पिडो, वरुणास्त्र, बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम, अर्जुन एमके-1ए

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स्वदेशी हथियारों का निर्माण
इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार देश में लगभग 7.3 बीलियन डॉलर के हथियारों का निर्माण हो रहा है। यह सभी सिस्टम डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किये गये हैं और इन्हें स्वदेशी कंपनियों द्वारा निर्मित किया जा रहा है।
डीआरडीओ और निजी क्षेत्र की कंपनियों के संयुक्त प्रयास से कई सिस्टम का निर्माण हो चुका है। जैसे एडवांस टोव्ड आर्टिलरी गन, एक्सटेंडेड पिनाका सिस्टम एंड गाइडेड पिनाका रॉकेट सिस्टम आदि…

विदेशों से अनुबंध के जरिये विकास
डीआरडीओ का दूसरे कई देशों के साथ मिलकर संयुक्त रक्षा क्षेत्र के सिस्टम का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें भारत-अमेरिका संयुक्त तकनीकी समूह, इंडो-इजरायली मैनेजमेंट काउंसिल, इंडिया-रशिया आर एंड डी सब ग्रुप, इंडिया-सिंगापुर डिफेंस टेक्नोलॉजी स्टीयरिंग कमेटी, इंडिया-यूके स्टियरिंग कमेटी और इंडिया-कोरिया स्टियरिंग कमेटी शामिल हैं।

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निर्यात में भी पहल
भारत अपने आयुध निर्माणों का निर्यातक भी है। केंद्र सरकार इस योजना को बढ़ावा देते हुए अगले पांच वर्षों में रक्षा क्षेत्र से जुड़े निर्यात को 5 बीलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के प्रयत्न में है। इसके लिए रक्षा क्षेत्र में सौ प्रतिशत निवेश को मंजूरी दी है।

ये है निर्यात की सूची में
मार्च-दिसंबर 2020 के बीच देश ने 780 मीलियन अमेरिकी डॉलर के आयुध सामग्रियों का निर्यात किया। डीआरडीओ की 3 फरवरी को जारी ताजा सूची के अनुसार भारत की निर्यात सूची में 19 एयरोनॉटिकल सिस्टम, 41 आर्मामेंट और कंबेट सिस्टम, 4 मिसाइल सिस्टम, 27 इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम, 10 लाइफ प्रोटेक्शन आइटम्स, 4 माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस, 28 नवल सिस्टम, 17 न्यूक्लीयर बायोलॉजिकल केमिकल इक्विपमेंट एनबीसी।

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