भारत का जर्मनी के साथ प्रोजेक्ट-75 आई के तहत छह पनडुब्बियों की खरीद का सौदा फाइनल हो गया है। इन पनडुब्बियों का निर्माण ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के जरिए भारत के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में किया जाएगा। भारतीय नौसेना 2020 से ही छह पनडुब्बियों के लिए विदेशी पार्टनर की तलाश कर रही थी। चार दिवसीय भारत दौरे पर आये जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस की उपस्थिति में प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
भारतीय रक्षा पीएसयू मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) और जर्मनी के थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स ने बुधवार को पनडुब्बी परियोजना 75 आई की निविदा में भाग लेने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसकी कीमत लगभग 5.2 बिलियन डॉलर है। दोनों कंपनियां अगली पीढ़ी की 6 डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के अधिग्रहण के लिए संयुक्त रूप से बोली लगाएंगी। एमडीएल के सीएमडी वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) नारायण प्रसाद और जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय नौसेना की ओर से मंगवाई आरएफपी
अब कंसोर्टियम छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए भारतीय नौसेना की ओर से मंगवाई गई आरएफपी में बोली लगाएगा, जो यहां ‘बाय इंडियन श्रेणी’ के तहत निर्मित की जाएंगी। दूसरी बोली लगाने वाली कंपनी एलएंडटी है, जिसने बोली लगाने के लिए एक अन्य विदेशी ओईएम के साथ भी समझौता किया है। एमओयू के अनुसार थाइसेनक्रुप इंजीनियरिंग और डिजाइन की पेशकश करेगा और मुंबई स्थित एमडीएल छह पनडुब्बियों का निर्माण करेगी। जर्मन पनडुब्बियों का निर्माण करना एमडीएल के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी भारत ने चार पनडुब्बियों के लिए जर्मन एचडीडब्ल्यू से अनुबंध किया था, जिसमें से दो का निर्माण एमडीएल ने ही किया था।
जर्मन रक्षा मंत्री पिस्टोरियस ने राजनाथ सिंह से मुलाकात कि थी मुलाकात
थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स के सीईओ और थिसेनक्रुप के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य ओलिवर बर्कहार्ड ने सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद कहा कि हमें इस पर बहुत गर्व है और भविष्य में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान जारी रखने में खुशी होगी। हम भारत के साथ एक भरोसेमंद और दशक भर की साझेदारी की ओर देखते हैं। 1980 के दशक में हमने जो नावें बनाई थीं, वे आज भी सेवा में हैं। जब भारत बुलाएगा तो हम तैयार हैं। इससे एक दिन पहले जर्मन रक्षा मंत्री पिस्टोरियस ने दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद पनडुब्बी टाई-अप को सार्वजनिक किया था। उन्होंने यह भी कहा कि कंसोर्टियम को टेंडरिंग प्रक्रिया में बेहतर रखा जाएगा, जिसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।