Drone attack:भारत ने हौथी उग्रवादियों पर निगरानी के लिए लाल सागर में तैनात किये चार जहाज, इस अमेरिकी दावे को किया खारिज

लाल सागर में भारतीय तट के पास दो व्यापारिक जहाजों पर ईरान समर्थित हौथी उग्रवादियों के ड्रोन हमले के बाद भारतीय नौसेना ने जांच शुरू कर दी है।

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Drone attack: भारतीय नौसेना(Indian Navy) ने ईरान समर्थित हौथी उग्रवादियों(Iran-backed Houthi rebels) की सिलसिलेवार आतंकी घटनाओं(Terrorist incidents) के बाद लाल सागर(Red sea) के पास भारी हथियारों से लैस अपने चार जहाज तैनात(Deployed four ships armed with weapons) कर दिए हैं। इससे पहले नौसेना ने ड्रोन हमले के शिकार शिप केम प्लूटो को वहां से बाहर निकालकर 24 दिसंबर को सुबह भारतीय तटरक्षक बल के जहाज(Indian Coast Guard Ship) और डोर्नियर हेलीकॉप्टरों की निगरानी में मुंबई के लिए रवाना कर दिया। उग्रवादियों के ड्रोन हमले के बाद भारतीय नौसेना ने जांच भी शुरू कर दी है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल(Navy spokesperson Commander Vivek Madhwal) ने 24 दिसंबर को बताया कि नौसेना विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) विशेषज्ञ जहाज को साफ करने और आगे की जांच करने के लिए मुंबई पहुंचने पर एमवी केम प्लूटो पर सवार होंगे। भारतीय नौसेना सभी हितधारकों के साथ स्थिति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रही है और क्षेत्र में व्यापारिक शिपिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। नौसेना ने आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए सभी भारतीय समुद्री एजेंसियों(Indian Maritime Agencies) के साथ मौजूदा स्थिति का विवरण साझा किया है।

इन जहाजों को किया गया तैनात
भारतीय नौसेना ने विध्वंसक आईएनएस कोच्चि, कोलकाता, मोरमुगाओ और फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल(Vidhvansak INS Kochi, Kolkata, Mormugao and Frigate INS Trishul) को लाल सागर के पास तैनात किया है। स्वदेशी आईएनएस कोच्चि राडार से बच निकलने के लिए डिजाइन किया गया है और इसमें अत्याधुनिक हथियार लगाए गए हैं। यह अग्रणी सुपर सोनिक तथा जमीन से जमीन तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है। आईएनएस कोलकाता भारत में अब तक तैयार किये गए युद्धपोतों में सर्वाधिक ताकतवर माना जाता है। यह भी लंबी दूरी तक भूमि से भूमि तक मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है। मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक जहाज का दूसरा जहाज है। फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों से लैस है।

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अमेरिकी दावे को किया खारिज
लाल सागर में भारतीय तट के पास दो व्यापारिक जहाजों पर ईरान समर्थित हौथी उग्रवादियों के ड्रोन हमले के बाद भारतीय नौसेना ने जांच शुरू कर दी है। नौसेना ने 24 दिसंबर को अमेरिकी दावे को ख़ारिज करके कहा है कि एमवी साईबाबा भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है और इसके चालक दल के सभी 25 भारतीय सदस्य सुरक्षित हैं। लाल सागर में स्थितियां सामान्य होने के बाद भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजीएस विक्रम की निगरानी में आज सुबह व्यापारी जहाज संकटग्रस्त एमवी केम प्लूटो को मुंबई के लिए रवाना किया गया है। व्यापारिक जहाजों पर नजर रखने और क्षेत्र में निगरानी करने के लिए आईसीजी ने डोर्नियर हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया है।

लाल सागर हिंद महासागर और भूमध्य सागर के बीच का है रास्ता
दरअसल, ईरान समर्थित हौथी स्पष्ट रूप से शिपिंग लाइनों में गड़बड़ी कर रहे हैं। यदि इस तरह की गतिविधियां नहीं रुकीं तो भारत को अपने व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के लिए उनके खिलाफ ऑपरेशन शुरू करना होगा। लाल सागर के पास भारी हथियारों से लैस चार जहाज़ों की तैनाती को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लाल सागर हिंद महासागर और भूमध्य सागर के बीच का रास्ता है, जिसमें ‘गेट ऑफ टीयर्स’ भी स्थित है। ये ऐसा जलमार्ग है, जिससे दुनिया का 40 प्रतिशत व्यापार होता है। ये आयात-निर्यात का सबसे जरूरी जलमार्ग है, जहां से एक देश का सामान दूसरे देश पहुंचाया जाता है। अब 20 से अधिक देश अमेरिका के नेतृत्व वाले लाल सागर गठबंधन का हिस्सा हैं।

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