उस ड्रोन से चीन-पाक होंगे चित… भारत की बढ़ जाएगी शक्ति

जम्मू हवाई अड्डे के वायुसेना अड्डे पर ड्रोन से विस्फोटक गिराए जाने और पंजाब में ड्रोन से हथियार भेजने की घटनाओं के बाद भारत इस क्षेत्र में सुरक्षा को उन्नत करने में लगा है।

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भारत अपने आकाशीय बल को दुरुस्त करने के लिए बड़ा कदम उठा रहा है। अमेरिका और भारत के बीच एक बड़ी खरीद पर चर्चा चल रही है, जिसके बाद देश की आकाशीय मारक क्षमता चीन और पाकिस्तान की अपेक्षा कई गुना मजबूत हो जाएगी। भारत इसके लिए ऐसा ड्रोन खरीदने जा रहा है, जो न दिखेगा, न राडार में आएगा, लेकिन दुश्मन के ठिकाने को सटीक ध्वस्त करके लौटेगा।

भारत अपनी ड्रोन मारक क्षमता के विकास के लिए अमेरिका से एमक्यू-1 प्रीडेटर-बी ड्रोन खरीदने जा रहा है। इसकी 30 यूनिट खरीदने की योजना पर चर्चा लगभग पूरी हो चुकी है। जिसकी लागत लगभग 22 हजार करोड़ रुपए है। अनुमान है कि दिसंबर में भारत और अमेरिका के बीच होनेवाले 2*2 मंत्रीस्तरीय बैठक के पहले इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।

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तीनों सेनाओं को मिलेगा ड्रोन
30 यूनिट ड्रोन की आपूर्ति होने पर इसे 10 की संख्या में सेना के तीनों अंगों को दिया जाएगा। यह ड्रोन 25 हजार फीट ऊपर तक उड़ सकता है। इसे प्रीडेटर सी एवेंजर या आरक्यू-1 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी विशेषता ये है कि यह 204 किलोग्राम की मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। इसमें दो लेजर गाइडेड एजीएम-114 हेलफायर मिसाइल लगी होती है। जो दुश्मन को पलक झपकते ही बर्बाद कर देती है।

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