भारतीय वायु सेना और शक्तिशाली हो गई है। फ्रांस से राफेल की तीन और खेप भारत पहुंच गई है। भारतीय वायुसेना के अनुसार ये खेप 31 मार्च की देर रात जामनर एयरबसे पर पहुंच गई हैं। इसी के साथ भारतीय वायु सेना पहले की अपेक्षा अधिक शक्ति संपन्न हो गई है। लेकिन इससे चीन और पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है।
ये तीनों लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत की लगभग 7 हजार किमी की दूरी बिना रुके तय कर भारत पहुंचे हैं। यूएई के आसामन में तीनो विमानों में एयर टू एयर रिफ्यूलिंग की गई, यानी उड़ान के दौरान आसमान में ही ईंधन भरा गया।
Rafales were refueled in-flight by UAE Air Force tankers. This marks yet another milestone in the strong relationship between the two Air Forces.
Thank You UAE AF.@IndembAbuDhabi @Indian_Embassy pic.twitter.com/6gFwh0AnjR— Indian Air Force (@IAF_MCC) March 31, 2021
चीन-पाकिस्तान बेचैन
चीन और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंध के बीच भारत अपनी सेना को ज्यादा से ज्यादा आधुनिक बनाने और मजबूती प्रदान करने में जुटा है। इसी क्रम में तीन राफेल की नई खेप भारत पहुंच गई है। इसके साथ ही नौ और राफेल लड़ाकू विमान अप्रैल के मध्य तक भारत पहुंच जाएंगे। साथ ही उत्तर बंगाल में हाशिमारा फॉरवर्ड बेस अगले महीने पांच लड़ाकू विमानों के साथ अपना ऑपरेशन शुरू करेगा।
59 हजार करोड़ का करार
बता दें कि फ्रांस को कुल 36 राफेल 2021 के अंत तक भारत को सौंपने हैं। भारत और फ्रांस की सरकार के बीच यह कुल 59 हजार करोड़ रुपए का करार हुआ है।
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गोल्डेन एरो स्क्वाड्रन में 11 विमान शामिल
आईएएफ के अंबाला स्थित गोल्डेन एरो स्क्वाड्रन ने जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के बीच 11 राफेल जेट्स को पहले ही वायुसेना में शामिल कर लिया है। इन लड़ाकू विमानों को लद्दाख थिएटर से संचालित किया जा रहा है। इन्हें मई 2020 से ही चीन के साथ सीमा गतिरोध के कारण अलर्ट पर रखा गया है।
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बता दें कि दसॉल्ट एविएशन ने फ्रांस में ट्रेनिंग के लिए सात और राफेल विमानों को पहले ही आईएएफ सौंप दिया है। उन पर भारतीय पायलॉट को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
खास बातें
- राफेल विमानों की पहली खेंप वर्ष 2020 में 29 जुलााई को भारत आई थी।
- 59 हजार करोड़ का यह करार भारत ने फ्रांस के साथ किया है। इस करार के तहत फ्रांस भारत को कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान देगा।
- 2015 में इस करार पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- तीन विमानों की दूसरी खेप तीन नवंबर को आई थी।
- तीसरी खेप 27 जनवरी को भारत पहुंची थी।