भारतीय वायुसेना को 8 अक्टूबर को 90 वर्ष पूरे हो गए हैं। हर वर्ष इस दिन को भारतीय विमानन दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर एयरमैन को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ‘एयरमैन के साहस को सलाम’ कहते हुए भारतीय वायुसेना के जवानों को संबोधित किया। साथ ही, वायु दिवस के अवसर पर भारतीय वायु सेना के जवानों के लिए एक नई लड़ाकू वर्दी लॉन्च की गई।
On Air Force Day, my greetings to the courageous air warriors and their families. In line with the motto of नभः स्पृशं दीप्तम्, the Indian Air Force has shown exceptional dexterity for decades. They have secured the nation and also shown remarkable human spirit during disasters. pic.twitter.com/6g9twDJAGx
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2022
भारतीय वायु सेना दिवस के अवसर पर दोपहर 2:44 बजे से शाम 4:44 बजे तक देशवासी वायु सेना के रोमांचक अभ्यासों को देख सकेंगे। इसमें 84 सैन्य विमान शामिल होंगे।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना इस साल 8 अक्टूबर को अपना 90वां स्थापना दिवस चंडीगढ़ में मना रही है। यह पहला मौका है जब वायुसेना ने ‘एयर फोर्स डे’ की परेड और फ्लाई पास्ट का कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिंडन एयरबेस से बाहर रखा है। 90 साल तक देश की सेवा करते हुए मौजूदा समय में वायुसेना की आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है। यही वजह है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर वायुसेना चीन को किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी
परेड की सलामी लेने के बाद वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी दे दी है। देश की आजादी के बाद यह पहली बार है कि जब एक नई परिचालन शाखा बनाई जा रही है। इस शाखा के निर्माण से उड़ान प्रशिक्षण पर कम खर्च होने के कारण 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।
राष्ट्र सेवा का अवसर
उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को वायु सेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारे लिए भारत के युवाओं की क्षमता का दोहन करने और इसे राष्ट्र की सेवा में लगाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्व अधिकारियों की कड़ी मेहनत, लगन और दूर दृष्टि से 90 साल की गौरवशाली विरासत मिली है। अब भारतीय वायुसेना को शताब्दी दशक में लाने की जिम्मेदारी हम पर है।