पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीनी वायु सेना की गतिविधियां बढ़ने और कई क्षेत्रों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स की ताजा लामबंदी के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साथ उच्चतम स्तर का सैन्य नेतृत्व नियमित रूप से स्थिति का जायजा ले रहा है। भारतीय वायु सेना ने पूर्वी मोर्चे पर चीन के साथ तनाव बढ़ाने वाले क्षेत्र में चीनी लड़ाकू जेट का मुकाबला करने के लिए तेजस एमके-1 की स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ तैनात करने का फैसला लिया है।
भारतीय सीमा में प्रवेश का प्रयत्न
लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे अन्य क्षेत्रों में चीनी लड़ाकू विमानों की तैनाती और उड़ानें जून के मध्य से 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर बढ़ी हैं। पूर्वी लद्दाख के मोर्चे पर पिछले एक माह के भीतर चीनी लड़ाकू विमानों की गतिविधियां बढ़ी हैं। चीनी जेट ने पहली बार 28 जून को पूर्वी लद्दाख में भारतीय चौकियों के पास उड़ान भरी थी, जिसके कारण भारतीय वायुसेना को भी अपने जेट विमानों को सक्रिय करना पड़ा। इसके बाद 24 जुलाई को भी चीनी लड़ाकू विमान भारतीय सीमा में 10 किमी. अंदर तक घुसे थे। चीन की इन हरकतों को देखते हुए भारतीय वायुसेना को भी अलर्ट पर रखा गया है।
चौकसी और तैनाती बढ़ाई
चीन ने पिछले दो वर्षों में भारत के सामने अपने सभी प्रमुख हवाई अड्डों जैसे होटन, काशगर, गर्गुनसा और शिगात्से को उन्नत किया है। इसके जवाब में भारत ने भी राफेल, सुखोई-30, जगुआर, मिग-21 जैसे लड़ाकू विमान तैनात किये हैं। रूसी मिसाइल डिफेन्स सिस्टम एस-400 का नया स्क्वाड्रन भी अगले दो से तीन महीनों में चीन के साथ उत्तरी सीमा पर तैनात किया जायेगा। सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल प्रणाली से भारत की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय वायु सेना लंबी दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और ड्रोन का पता लगाकर उन्हें नष्ट कर सकेगी।
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मिसाइल से लैस सिस्टम तैनात
चीन के साथ तनाव को बढ़ाने वाले क्षेत्र में चीनी लड़ाकू जेट की गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए भारतीय वायु सेना ने पूर्वी मोर्चे पर तेजस एमके-1 की स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ तैनात करने का फैसला लिया है। तेजस एमके-1 में उन्नत शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल और एस्ट्रा एमके-1 एयर टू एयर मिसाइल लगाई जाएंगी। भारतीय वायुसेना ने तेजस के लिए दो स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ बनाई हैं। अभी तक भारतीय वायुसेना को कुल 40 अनुबंध तेजस एमके-1 विमानों में से 25 मिल चुके हैं। 11 अन्य ट्रेनर विमानों के पहले लॉट की आपूर्ति अगले साल मार्च तक होने की उम्मीद है। शेष चार विमानों की आपूर्ति 2023 के मध्य तक वायुसेना को की जानी है।