भारतीय सेना (Indian Army) ने पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सिंधु नदी (Indus River) को पार करने और दुश्मन (Enemy) के ठिकानों पर हमला करने का अभ्यास किया। सेना के टी-90 (T-90) और टी-72 टैंकों (T-72 Tanks) ने दिखाया अपना दम। सेना के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के अभ्यास (Exercise) आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए आयोजित किए जाते हैं।
भारतीय सेना 16,000 फीट तक की ऊंचाई पर और बड़ी संख्या में टैंकों के साथ काम करने वाली दुनिया की कुछ सेनाओं में से एक है।
जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अपने प्रशिक्षण अभ्यास सैनिकों को वापस बुलाकर आक्रामकता दिखाना शुरू कर दिया, तो भारतीय सेना बड़ी संख्या में टैंक और बख्तरबंद लड़ाकू वाहन पूर्वी लद्दाख सेक्टर में ले आई।
#WATCH भारतीय सेना के टैंक पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अभ्यास के दौरान सिंधु नदी को पार करते हुए। pic.twitter.com/wE2YKY24lF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2023
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भारतीय सेना का चीन को जवाब
पहले भारतीय सेना पाकिस्तान के मोर्चे पर पंजाब सेक्टर में बड़े पैमाने पर ऐसे अभ्यास करती थी क्योंकि माना जाता था कि टैंक युद्ध केवल मैदानी और रेगिस्तानी इलाकों में ही होंगे लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
2013-14 में पूर्वी लद्दाख में टैंक और अन्य संरचनाओं के साथ ब्रिगेड को बल में शामिल किया जाना शुरू हुआ। लेकिन 2020 में जब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष की घटना हुई तो इनकी संख्या कई गुना बढ़ गई।
बख्तरबंद बलों से मजबूत
उस घटना के बाद भारतीय वायु सेना के सी-17 और इल्युशिन-76 परिवहन विमान बड़ी संख्या में रेगिस्तान और मैदानी इलाकों से टैंक और बीएमपी लेकर आए। अधिकारियों का कहना है कि भारतीय सेना ने क्षेत्र में बख्तरबंद बलों को इस हद तक मजबूत कर लिया है कि वे प्रतिद्वंद्वी के किसी भी दुस्साहस से निपट सकते हैं।
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