भारत ने चीन सीमा पर अपनी किलेबंदी अधिक मजबूत कर ली है। अरुणाचल से लगी सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का उत्तर देने के लिए अब बोफोर्स तोपों की तैनाती की गई है। यह तोपें अग्रिम पंक्ति में तैनात की जा रही हैं, जिससे चालबाजी का उत्तर अब भारत गोला बरसाकर देने में तैयार है।
अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा पर एक ओर बोपोर्स तोपें तैनात हैं, तो दूसरी ओर एयर फायर पावर को भी सुदृढ़ किया गया है। समाचार एजेंसियों के अनुसार इसके अतंर्गत हेरान आई ड्रोन, हथियारबंद हेलीकॉप्टर और ध्रुव की तैनाती की गई है। सीमा क्षेत्र में चीन की आक्रामकता और उसके सैनिकों के घुसने की कोशिशों का मुंहतोड़ उत्तर देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है। बोफोर्स तोपों ने कारगिल युद्ध में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था।
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अभेद्य किलेबंदी
चालबाजियों को निष्फल करने के लिए इजरायली यूएवी हेरान ड्रोन, हल्के लड़ाकू विमान ध्रुव और बोफोर्स तोपों की तैनाती की गई है। इससे सेना की अग्रिम पंक्ति को घुसपैठों की सूचना प्राप्ति और उसे नाकाम करने की शक्ति प्राप्त होगी।
पूर्वी लद्दाख में भी सुरक्षा को अभेद्य किया गया है। सूत्रों के अनुसार इसके अंतर्गत फॉरवर्ड एरिया में भारतीय सेना ने के-9 स्वचालित होवित्जर रेजिमेंट की तैनाती की है। जिससे 50 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन को खाक किया जा सकता है।
चीन ने चाल
भारत चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन ने लगभग 50 हजार सैनिकों को तैनात कर रखा है। इसके अलावा भारतीय क्षेत्र की हलचल पर नजर रखने के लिए चीन सैटेलाइट और ड्रोन का उपयोग भी करता रहा है। हाल के दिनों में चीनी ड्रोन की गतिविधियां दौलत बेग ओल्डी, गोगरा हाइट जैसे क्षेत्रों में बढ़ी हैं। इस परिस्थिति को देखते हुए भारत ने भी अपनी घेराबंदी मजबूत कर ली है।