भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने बंगाल की खाड़ी में अभ्यास किया। इस सामरिक युद्धाभ्यास में हेलीकॉप्टर भी शामिल थे। भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाजों के साथ-साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के कर्मियों ने भी विभिन्न संयुक्त गतिविधियों में भाग लिया। दोनों नौसेनाओं के बीच यह अभ्यास भारत-ऑस्ट्रेलिया के सैन्य संबंधों में एक और मील का पत्थर साबित हुआ है।
पूर्वी नौसेना कमान ने की मेजबानी
रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के जहाजों एचएमएएस एडिलेड, एचएमएएस एन्ज़क और भारतीय नौसेना के जहाजों जलाश्व और कवरत्ती ने बंगाल की खाड़ी में समुद्री साझेदारी अभ्यास करते हुए लैंडिंग और उभयचर संचालन किया, जो दोनों नौसेनाओं के बीच उच्च स्तर की ऑपरेशनल साझेदारी को दर्शाता है। दोनों ऑस्ट्रेलियाई जहाज़ों ने पूर्वी कमान के विशाखापत्तनम बंदरगाह का दौरा किया। यह ऑस्ट्रेलिया के इंडो-पैसिफिक एंडेवर का हिस्सा था। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बलों की मेजबानी पूर्वी नौसेना कमान ने की थी।
संयुक्त योजनाओं का अभ्यास
भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाजों के साथ-साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के कर्मियों ने भी विभिन्न संयुक्त गतिविधियों में भाग लिया। अभ्यास के दौरान हार्बर चरण में एक-दूसरे के अनुभव साझा करने, संयुक्त योजना गतिविधियों, मैत्रीपूर्ण खेल आदान-प्रदान सहित पेशेवर बातचीत की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। अभ्यास का सफल समापन भारत-ऑस्ट्रेलिया सैन्य संबंधों में वृद्धि में एक और मील का पत्थर है।
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भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच सामरिक सामझौता
भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रमुखों ने पिछले साल 18 अगस्त को ‘संयुक्त मार्गदर्शन’ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए यह अपनी तरह का पहला समझौता था। दोनों नौसेनाओं के बीच यह समझौता भारत-प्रशांत पर वैश्विक फोकस के बीच बढ़ते भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है। यह ‘संयुक्त मार्गदर्शन’ एक-दूसरे की चिंताओं और भविष्य के निर्देशों की समझ के व्यापक उद्देश्य को रेखांकित करता है।