Indian Navy को मिला तीसरा गाइडेड मिसाइल विध्वंसक इंफाल

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भारतीय नौसेना (Indian Navy) को विध्वंसक जहाज इंफाल (INS Imphal)की सौगात मिली है।मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने शुक्रवार को निर्धारित समय से चार महीने पहले प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जहाज आईएनएस इंफाल को भारतीय नौसेना को सौंप दिया है। इस विध्वंसक पोत को शिपयार्ड मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने बनाया है। ये संस्था रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है। प्रोजेक्ट 15बी क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर ‘इंफाल’ नौसेना को दिया गया है।इस पोत में स्वदेशी स्टील DMR 249A का इस्तेमाल किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े विध्वंसक जहाजों में से एक है, जिसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन 7,500 टन से अधिक है।

इंफाल को चार महीने पहले भारतीय नौसेना को सौंपा
एमडीएल ने बताया, यह एक शक्तिशाली मंच है जो समुद्री युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है। यह सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों और बराक -8 मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। इस में प्रमुख रूप से पतवार पर लगे सोनार हम्सा एनजी शामिल हैं। यह नौसैनिक सूची में विध्वंसक और फ्रिगेट की पिछली श्रेणियों की तुलना में अधिक बहुमुखी है और दुश्मन की पनडुब्बियों, सतह के युद्धपोतों, जहाज-रोधी मिसाइलों और लड़ाकू विमानों के खिलाफ इसकी सर्वांगीण क्षमता इसे सहायक जहाजों के बिना स्वतंत्र रूप से संचालित करने और कार्य करने में भी सक्षम बनाएगी। इंफाल को अब तक के सबसे लड़ाकू-योग्य प्लेटफॉर्म के रूप में अनुबंधित समय से चार महीने पहले भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है।

दोहरी भूमिका वाली उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएंगी
इस जहाज ने पहले सीएसटी में प्रमुख महत्वपूर्ण हथियारों की फायरिंग सहित तीन कॉन्ट्रैक्टर्स सी ट्रायल (सीएसटी) पूरे कर लिए हैं और यह सभी पी15बी जहाजों में से पहला होगा, जिसमें लंबी दूरी और जमीन पर हमला करने की दोहरी भूमिका वाली उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएंगी। जहाज को एक शक्तिशाली संयुक्त गैस और गैस प्रोपल्शन प्लांट (COGAG) द्वारा संचालित किया गया है, जिसमें चार प्रतिवर्ती गैस टर्बाइन शामिल हैं, जो उसे 30 समुद्री मील (लगभग 55 किमी प्रति घंटे) से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। यह जहाज गीगाबाइट ईथरनेट-आधारित शिप डेटा नेटवर्क (जीईएसडीएन), कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पावर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) जैसे परिष्कृत डिजिटल नेटवर्क के साथ बहुत उच्च स्तर के स्वचालन का दावा करता है।

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