Indian Air Force: भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह (Air Chief Marshal AP Singh)ने 28 फरवरी को एक बार फिर लड़ाकू विमानों की कम स्क्वाड्रन(Less squadrons of fighter aircraft) पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि वायु सेना को अगले कुछ वर्षों में पुराने बेड़े से मिराज, मिग-29 और जगुआर(Mirage, Mig-29 and Jaguar) को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए हर साल 35-40 लड़ाकू विमानों की जरूरत(35-40 fighter planes needed every year) है। उन्होंने टाटा और एयरबस(Tata and Airbus) के संयुक्त उद्यम में सी-295 परिवहन विमान निर्माण का हवाला देते हुए जेट विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों(Private companies) की ओर देखने का सुझाव दिया।
लड़ाकू बेड़े में हर साल दो स्क्वाड्रन जोड़ने की जरूरत
वायु सेना प्रमुख ने आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने लड़ाकू बेड़े में हर साल दो स्क्वाड्रन जोड़ने की जरूरत है। इसका मतलब है कि हमें हर साल 35-40 विमान चाहिए। हालांकि, यह क्षमता रातोंरात नहीं आ सकती, लेकिन इन विमानों की जरूरत मौजूदा कमियों को पूरा करने के लिए है। साथ ही यह जरूरत अगले 5-10 वर्षों में मौजूदा बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने के बाद पैदा होने वाली कमियों को भी पूरा करने के लिए है। उन्होंने कहा कि जगुआर, मिग-29 और मिराज 2000 जेट को हवाई बेड़े में 1980 के दशक के दौरान शामिल किया गया था, जिन्हें 2029-30 के बाद चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्त किया जाना है।
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तेजस मार्क-1ए जेट के उत्पादन की गति पर चिंता
इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु में एयरो इंडिया के दौरान वायु सेना प्रमुख ने तेजस मार्क-1ए जेट के उत्पादन की गति पर चिंता जताई थी, क्योंकि अनुबंधित 83 तेजस मार्क-1ए जेट की आपूर्ति समय सीमा से एक साल से अधिक पीछे चल रही है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अगले साल 24 तेजस मार्क-1ए जेट बनाने का वादा किया है। एक बार फिर नाराजगी भरे लहजे में उन्होंने वायु सेना की जरूरतों के साथ आत्मनिर्भरता को संतुलित करने के बारे में कहा कि मैं विदेशी कंपनियों से खरीद पर जोर नहीं दे रहा हूं, लेकिन स्वदेशी विमानों की आपूर्ति वादा किए गए आंकड़े से बहुत कम हैं, इन कमियों को दूर करने के लिए कुछ करने की जरूरत होगी।
निजी कंपनियों की ओर देखने का सुझाव
उन्होंने जेट विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों की ओर देखने का सुझाव देते हुए टाटा और एयरबस के संयुक्त उद्यम में सी-295 परिवहन विमान के निर्माण का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हम निजी भागीदारी से हर साल 12-18 जेट विमान हासिल कर सकते हैं। एयर चीफ मार्शल सिंह ने 2047 तक वायु सेना का विजन देते हुए कहा कि हमें इसी तरह आगे बढ़ना है। यह समय सीमा ‘विकसित भारत’ या विकसित भारत के लिए है। उन्होंने कहा कि वायु सेना के पास वर्तमान में लड़ाकू विमानों की 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि पाकिस्तान और चीन के खिलाफ दो मोर्चों पर खतरे से निपटने के लिए 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है।