भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर करीब 7 महीनों से बढ़े तनाव को लेकर गुड न्यूज है। चीन ने दावा किया है कि फिलहाल पैंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी तट से दोनों देशों की सेना पीछे हटने लगी हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह दावा किया है। हालांकि भारत की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।
चीन के सीनियर कर्नल वू कियान ने इस बारे में लिखित बयान जारी करते हुए कहा कि 10 फरवरी से दोनों देश की सेनाएं पीछे लौटने लगी हैं। कर्नल कियान ने कहा कि यह कदम पिछले महीने मोल्डो-चुशुल सीमा के चीनी क्षेत्र में आयोजित कमांडर-स्तर की नौवें दौर की वार्ता में आम सहमति के आधार पर लिया गया है।
Chinese and #Indian border troops on the southern and northern shores of #Pangong Lake began disengagement as planned on Wednesday according to the consensus reached during the ninth round of military commander-level talks: China's Ministry of National Defense pic.twitter.com/Af6NhoFjz3
— Global Times (@globaltimesnews) February 10, 2021
15 घंटे तक चली थी वार्ता
भारत ने नौवें दौर की वार्ता के बारे में बताया था, ” वार्ता सकारात्मक, व्यावहारिक और रचनात्मक” नोट पर समाप्त हुई है और दोनों पक्षों ने जल्द ही अपने-अपने देश की सेनाओं को वापस बुलाने पर सहमति दिखाई है। नौवें दौर में 15 घंटे तक वार्ता चली थी। यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के कारणों का पता लगाने और जून 2020 से से चले आ रहे स्टैंड-ऑफ का समाधान खोजने के उद्देश्य से की गई थी।
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तीन चरणों में होनी थी सेना की वापसी
पिछले साल नवंबर में वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने कहा था कि सेना वापसी के लिए तीन चरण की योजनाएं तैयार गई थीं लेकिन कार्यान्वयन पर कोई सहमति नहीं बनी।
जून 2020 से बढ़ा तनाव
बता दें कि भारत-चीन के बीच 15 जून 2020 को गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन ने इस बारे में कोई अधिकृत जानकारी नहीं जारी की थी, लेकिन बताया जा रहा है कि चीन के भी 30-40 सैनिक मारे गए थे।