भारत और जापान की वायु सेनाओं ने 16 दिनों तक हवाई अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ के दौरान एक-दूसरे से अनूठी क्षमताएं सीखीं। दोनों वायु सेनाओं के एयर क्रू ने एक दूसरे के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी, ताकि एक दूसरे की ऑपरेशनल गतिविधियों के बारे में गहरी समझ हासिल की जा सके। अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ ने दोनों वायु सेनाओं को आपसी समझ बढ़ाने का अवसर प्रदान किया। इस दौरान दोनों वायु सेनाएं कई सिम्युलेटेड परिचालन परिदृश्यों में जटिल और व्यापक हवाई युद्धाभ्यास में लगी रहीं।
भारतीय वायु सेना और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएएसडीएफ) के बीच द्विपक्षीय वायु अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ की शुरुआत जापान के हयाकुरी एयरबेस में 10 जनवरी से हुई थी। जेएएसडीएफ ने अपने चार-चार एफ-2 और एफ-15 विमानों के साथ अभ्यास में भाग लिया, जबकि भारत की टुकड़ी ने 4 सुखोई-30 एमकेआई विमानों के साथ भाग लिया। वायु सेना के लड़ाकू दल को एक आईएल-78 फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट और दो सी-17 ग्लोबमास्टर स्ट्रैटेजिक एयरलिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से जापान ले जाया गया था।
इस संयुक्त अभ्यास में पहली बार वायु सेना की फाइटर पायलट अवनि चतुर्वेदी ने देश के बाहर युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। हालांकि, उन्होंने इससे पहले भारत आने वाली विदेशी वायु सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया है, लेकिन विदेशी आसमान में फाइटर जेट उड़ाने का उनका पहला अनुभव रहा। अवनि चतुर्वेदी फाइटर जेट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला पायलट हैं। युद्ध की स्थिति में अवनि सुखोई जैसे विमान भी उड़ा सकती हैं। उनके पति विनीत छिकारा भी भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हैं।
जापान के ओमिटामा में हयाकुरी एयरबेस और इसके आसपास के हवाई क्षेत्र औरसयामा के इरूमा एयरबेस में 16 दिनों तक चले संयुक्त हवाई प्रशिक्षण के दौरान दोनों वायु सेनाएं कई सिम्युलेटेड परिचालन परिदृश्यों में जटिल और व्यापक हवाई युद्धाभ्यास में लगी रहीं। अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं ने सटीक योजना, कुशल निष्पादन, विजुअल और बियॉन्ड विजुअल रेंज सेटिंग्स में हवाई युद्धाभ्यास, अवरोधन और वायु रक्षा मिशन में हिस्सा लिया।
भारत और जापानी वायु सेना के एयर क्रू ने एक दूसरे के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी, ताकि एक-दूसरे की ऑपरेशनल गतिविधियों के बारे में गहरी समझ हासिल की जा सके। अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ ने दोनों वायु सेनाओं को आपसी समझ बढ़ाने का अवसर प्रदान किया।अभ्यास के दौरान भारतीय वायु सेना और जापान एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच कई दौर की जमीनी बातचीत भी हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
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प्रारंभिक अभ्यास में दोनों वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यास आयोजित हुए। दोनों वायु सेनाएं एक जटिल वातावरण में बहु डोमेन हवाई युद्ध मिशन में शामिल हुईं। इस दौरान सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का आदान-प्रदान भी हुआ और दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने विभिन्न परिचालन पहलुओं पर अपनी निपुणता और दक्षता साझा करने के लिए भी चर्चा की। अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ ने भारत और जापान की दोस्ती को और मजबूत करने के साथ ही दोनों वायु सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने का काम किया है।
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