भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच इसी महीने उत्तराखंड में संयुक्त प्रशिक्षण युद्ध अभ्यास का 18वां संस्करण होगा। दोनों देशों की सेनाओं का यह युद्ध अभ्यास हर साल एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के मकसद से किया जाता है। अभ्यास का पिछला संस्करण अक्टूबर, 2021 में संयुक्त बेस एल्मडॉर्फ रिचर्डसन, अलास्का (यूएसए) में आयोजित किया गया था।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसी महीने उत्तराखंड में होने वाले संयुक्त प्रशिक्षण युद्ध अभ्यास में भारत की ओर से असम रेजीमेंट के जवान और अमेरिका की ओर से 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के जवान हिस्सा लेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र शासनादेश के अध्याय VII के तहत एक एकीकृत युद्ध समूह के रोजगार पर केंद्रित है। शेड्यूल में पीस कीपिंग और पीस एनफोर्समेंट से जुड़े सभी ऑपरेशन शामिल होंगे। दोनों देशों के सैनिक समान उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करेंगे। संयुक्त अभ्यास मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। दोनों देशों के सैनिक किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर त्वरित और समन्वित राहत प्रयास शुरू करने का अभ्यास करेंगे।
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दोनों सेनाओं के जवान पेशेवर कौशल और अनुभव हासिल करने के लिए चयनित विषयों पर कमांड पोस्ट अभ्यास और विशेषज्ञ अकादमिक चर्चा भी करेंगे। फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास के दायरे में एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, निगरानी ग्रिड की स्थापना और कामकाज, परिचालन रसद का सत्यापन, पर्वतीय युद्ध कौशल, आकस्मिक निकासी, प्रतिकूल इलाके और जलवायु परिस्थितियों में चिकित्सा सहायता का मुकाबला शामिल है। इस अभ्यास में लड़ाकू इंजीनियरिंग, यूएएस/काउंटर यूएएस तकनीकों के रोजगार और सूचना संचालन सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर आदान-प्रदान और अभ्यास शामिल होंगे। इस अभ्यास से दोनों सेनाओं को अपने व्यापक अनुभव, कौशल साझा करने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से अपनी तकनीकों को बढ़ाने में सुविधा होगी।
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