इसरो ने सबसे छोटा रॉकेट एसएसएलवी-डी 2 किया लांच, जानिये, इसकी खासियत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट (एसएसएलवी-डी 2) को अंतरिक्ष में लांच कर दिया।

147

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसरो ने 10 फरवरी शुक्रवार की सुबह श्रीहरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर से अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट (एसएसएलवी-डी 2) को अंतरिक्ष में लांच कर दिया। एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी। इनमें अमेरिकी कंपनी अंतारिस का सैटेलाइट जेएएनयूएस-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट आजादी सेट-2 और इसरो का सैटेलाइट ईओएस-07 शामिल हैं।

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने दी टीमों को बधाई
एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इस उपलब्धि पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने टीमों को बधाई देते हुए कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान दिक्कतें आईं, जिसके बाद हमने उनका विश्लेषण किया। उसके अनुसार ही जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लांचिंग सफल रहे।

ये है खास
1. इसरो के अनुसार, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लांच करने में काम में लाया जाता है।
2. यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लांच की सुविधा देता है।
3. एसएसएलवी रॉकेट 34 मीटर लंबा और एसएसएलवी रॉकेट का व्यास दो मीटर है। यह रॉकेट कुल 120 टन के भार के साथ उड़ान भर सकता है।
4. इस रॉकेट को तीन ठोस प्रणोदन चरणों और एक वेअ टर्मिनल मॉड्यूल के साथ विन्यास किया गया है।

ये भी पढ़ें- हिमाचलः पोस्टिंग वाली जगह जमीन और भवन नहीं खरीद सकेंगे अधिकारी, सरकार ने जारी किए ये आदेश

इसरो ने आठ फरवरी को ट्वीट किया था कि एसएसएलवी-डी-2/ईओएस-07 मिशन को 10 फरवरी, 2023 को लांच किया जाएगा। इससे पहले इसरों ने एसएसएलवी का पहला परीक्षण नौ अगस्त को किया गया था, जो विफल रहा।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.