अंतरराष्ट्रीय सीमा से कटा आईटीबीपी का संपर्क, जानें क्या है कारण 

ब्रिज निर्माण के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। चोरगाड़ नदी पर बने इस बैली ब्रिज का उपयोग आमतौर पर सेना, आईटीबीपी के जवान और भेड़ पालक करते हैं। यह ब्रिज हिमाचल प्रदेश सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ता है। पिलर ढहने के कारण ब्रिज टूट गया है।

218

उत्तराखंड की नेलांग घाटी में जाड़ गंगा की सहायक नदी चोरगाड़ पर बने बैली ब्रिज का पिलर ढहने से आईटीबीपी के जवानों का हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाले मार्ग सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा से संपर्क कट गया है। दरअसल पिलर ढहने से यह समूचा ब्रिज नदी में समा गया है। सामरिक दृष्टि से यह ब्रिज भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नेलांग घाटी भारत-चीन सीमा पर है।

गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में अपनी पूरी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी है। ब्रिज निर्माण के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। चोरगाड़ नदी पर बने इस बैली ब्रिज का उपयोग आमतौर पर सेना, आईटीबीपी के जवान और भेड़ पालक करते हैं। यह ब्रिज हिमाचल प्रदेश सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा को जोड़ता है। पिलर ढहने के कारण ब्रिज टूट गया है।

उन्होंने कहा कि यह ब्रिज सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ब्रिज के ढहने से सेना और आईटीबीपी के जवानों को रेकी करने में दिक्कत होगी। बताया जा रहा है कि इस संबंध में जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी को ब्रिज निर्माण में आने वाली लागत का आकलन तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें – 15 अगस्त : लाल किले में फुल ड्रेस रिहर्सल, जमीन से आसमान तक अभूतपूर्व सुरक्षा

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.