यूक्रेन में फंसी जौनपुर की बेटी, परेशान परिजनों ने की यह मांग!

यूक्रेन में फंसे 15 हजार से अधिक भारतीयों में एक जौनपुर की बेटी भी शामिल है। रूस के हमले के कारण उनके परिजन परेशान हैं। वे उसकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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 जौनपुर जिले की एक होनहार बेटी भी यूक्रेन में फंस गयी है। 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने की खबर मिलते ही परिवार वालों समेत पूरा इलाका उसकी सलामति के लिए दुआ कर रहे हैं। खेतासराय क्षेत्र के शाहापुर गांव निवासी डॉक्टर गजेंद्र पांडेय की पुत्री गरिमा पांडेय यूक्रेन के डेनिप्रो यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष की छात्रा है। यूक्रेन पर हमले की खबर से माता-पिता समेत अन्य परिजन चिंतित हैं।

पिता ने की यह मांग
पिता गजेंद्र पांडेय ने भारत सरकार से बेटी समेत अन्य भारतीय क्षेत्रों को सुरक्षित लाने की मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए गजेंद्र पांडेय ने बताया कि यूक्रेन में हालात बिगड़ने से पहले ही वो बेटी को वापस लाने की जुगत में जुट गए थे। गरिमा की सकुशल फ्लाइट से वापसी के लिए उन्होंने 35000 रुपया भी यूक्रेन भेज दिया था। गरिमा को तीन मार्च को यूक्रेन के ओडेसा से वाया दोहा कतर होते हुए दिल्ली वापसी की फ्लाइट का टिकट भी मिल गया था। लेकिन गुरुवार जब बात हुई तो पता चला की रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। इस कारण ज्यादातर एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। कुछ छात्रों को एयरपोर्ट से भी लौटा दिया गया है।

दूतावास के संपर्क में है गरिमा
गरिमा ने अपने पिता को फोन पर बताया कि हमें अपने कमरे में ही रहने और दूतावास से सम्पर्क में रहने को कहा गया है। एटीएम और खाने पीने की सामग्री की दुकानों पर मारामारी की स्थिति है। डॉक्टर गजेंद्र पांडेय ने कहा कि भारतीय छात्रों के भविष्य को देखते हुए तत्काल भारत सरकार को सक्रिय होना चाहिए। उन्होंने सरकार से यूक्रेन संकट में फंसे छात्रों की मदद की गुहार लगाई। यूक्रेन के ताजा माहौल को देखते हुए वे भारतीय अभिभावक बेहद चिंतित हैं जिनके कलेजे के टुकड़े वहां पढ़ने के लिए गए हुए हैं।

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