भारत ने स्पष्ट किया है कि वह चीन के अपनी जमीन पर अवैध कब्जे और उसके अवैध दावे को कभी स्वीकार नहीं करेगा। इसके साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय ने यह बयान जारी उस अमेरिकी दावे को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश से सटी विवादित सीमा पर एक गांव बसा लिया है। यह दावा अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत को इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी है और सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
भारत ने स्पष्ट किया अपना रुख
बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा से जुड़ी हर तरह की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी रक्षा विभाग के हवाले से दी गई रिपोर्ट देखी है, जिसमें पूर्वोत्तर सीमा पर चीन की ओर से गांव बसाने का दावा किया गया है। इस तरह की एक रिपोर्ट कुछ महीने पहले भी प्रकाशित की गई थी। उन्होंने कहा कि हमने पहले भी बताया है कि सीमावर्ती क्षेत्र में चीन ने दशकों पहले से गैरकानूनी रुप से कब्जा जमा रखा है और वह वहां पहले से ही निर्माण करता रहा है। लेकिन भारत उसके गैर कानूनी कब्जे और दावे को न तो स्वीकार किया है और न कभी स्वीकार करेगा। हम कूटनीतिक तौर पर इसका कड़ाई से विरोध करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।
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विकास कार्य तेज
बागची ने कहा कि सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास कार्य तेज कर दिया है और उन इलाकों में सड़कों तथा पुलों के साथ ही अन्य तरह के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इससे उन इलाकों में रह रहे लोगों के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतर होगी। अरुणाचल प्रदेश सरकार राज्य के अन्य भागों समेत सीमावर्ती इलाकों में भी अपने नागरिकों को बेहतर जीवनयापन और सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है।