खुश रहो अहले वतन… और इतिहास बन गया ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ आईएनएस विराट

227

मुंबई। भारत की समुद्री सीमाओं को तीस वर्षों तक सुरक्षा देनेवाला विमान वाहक पोत आईएनएस विराट अपने अंतिम सफर पर निकल पड़ा है। इस ग्रैंड ओल्ड लेडी के नाम से भी पहचाना जाता था। आईएनएस विराट की विदाई एक असाधारण घटना है। तीन साल तक दुश्मनों के काल और सुरक्षा की ढाल आईएसएस विराट को संरक्षित करने का अभियान भी चलाया गया लेकिन वो पूरा न हो पाया।
दर-ओ-दीवार पे हसरत से नज़र करते हैं
ख़ुश रहो अहल-ए-वतन हम तो सफ़र करते हैं।
वाजिद अली शाह की ये पंक्तियां हैं तो बहुत पुरानी लेकिन वीरता के पुरोधा आईएनएस विराट के लिए सटीक है। विश्व का सबसे लंबे समय तक सेवा देनेवाला युद्धपोत आज उस यात्रा पर निकल गया जहां से वो इतिहास बन जाएगा। करीब 30 साल तक आन-बान-शान के साथ देश की सेवा करने वाले आईएनएस विराट का नाम दुनिया में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले युद्धपोत के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है। आईएनएस विराट ने मई 1987 से मार्च 2017 तक भारतीय नौसेना की सेवा की है। इसे विरासत के तौर पर संरक्षित करने के लिए अभियान भी चलाया गया लेकिन अफसोस अब यह तोड़कर ढेर में बदल दिया जायेगा। यह इकलौता लड़ाकू विमान वाहक पोत है, जिसने ब्रिटेन और भारत की नौसेना में सेवाएं दी हैं।
नहीं मिला जीवनदान
‘ग्रैंड ओल्ड लेडी’ के नाम से पहचाना जाने वाला आईएनएस विराट मई 1987 में भारतीय नौसेना के परिवार का हिस्सा बना था। देश को 30 साल की सेवा देने के बाद इसे 6 मार्च, 2017 को सेवा मुक्त कर दिया गया था। पिछले साल जुलाई में केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि आईएनएस विराट को स्क्रैप करने का फैसला भारतीय नौसेना की उचित सलाह के बाद लिया गया है। इस बीच ‘विराट’ को संग्रहालय या रेस्तरां में बदलकर ‘जीवनदान’ देने की भी कोशिशें हुईं लेकिन सारी कोशिशें तब बेकार हो गईं, जब गुजरात के अलंग स्थित श्री राम समूह ने ​​38.54 करोड़ रुपये की बोली लगाकर अपने नाम कर लिया। रिटायर होने के बाद से ‘विराट’ नौसेना के मुंबई स्थित डॉकयार्ड में अपने भविष्य के फैसले का इंतजार कर रहा था। आईएनएस विराट 1944 में बनना शुरू हुआ था। बीच में कुछ समय के लिए इसका प्रोडक्शन रोक दिया गया। मगर इसकी उम्र 1944 से ही गिनी जाती है। इसके चलते ये जहाज़ दुनिया का सबसे पुराना वर्किंग एयरक्राफ्ट कैरियर बन जाता है।

नौसेना ने दी भावपूर्ण विदाई
इस ऐतिहासिक पोत को शुक्रवार को गुजरात के लिए रवाना होना था लेकिन कागजी प्रक्रिया पूरी न होने के चलते ‘अंतिम सफर’ में एक दिन की देरी हुई। आखिरकार आज वह दिन आ ही गया जब सुबह मुंबई डॉकयार्ड पर इसे नौसैनिकों ने भावपूर्ण तरीके से विदाई दी। इसी के साथ गुजरात के भावनगर जिले के अलंग तक की अपनी आखिरी यात्रा के लिए ‘विराट’ चल पड़ा। नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि वहां तक इसे पहुंचने में दो दिन लगेंगे। समुद्र तटीय शहर अलंग में दुनिया का सबसे बड़ा जहाज विघटन यार्ड है, जहां पहुंचने के बाद अब इसे तोड़कर ढेर में बदल दिया जायेगा।


27 बार की धरती की परिक्रमा
भारतीय ध्वज के तले विराट से विभिन्न विमानों ने उड़ान भरी है। 22,622 उड़ान घंटों का साक्षी रहा है। तीन दशक में आईएनएस विराट ने 2,252 दिन समुद्र में बिताए हैं। इस दौरान 5.88 लाख नॉटिकल मील (10.94 लाख नॉटिकल किमी.) की दूरी तय की। करीब सात साल तक समुद्र में रहा और इस दौरान 27 बार धरती की परिक्रमा की।
भारत की समुद्री सीमाओं का प्रहरी
विराट सेंटोर श्रेणी का लड़ाकू विमान वाहक पोत है। 226 मीटर लंबे और 49 मीटर चौड़े इस युद्धपोत का वजन 27,800 टन है। 1984 में भारत ने इसे खरीदा और मई 1987 में इसे भारतीय नौसेना में आईएनएस विराट नाम से शामिल किया गया। यहां इसकी आईएनएस विक्रांत के साथ जोड़ी बनी। 1997 में विक्रांत की सेवानिवृत्ति के बाद करीब 20 साल तक यह अकेले ही भारत की समुद्री सीमाओं का प्रहरी बना रहा। मार्च 2017 में इसे सेवा मुक्त कर दिया गया।
सुरक्षा में निभाई अहम भूमिका
विराट ने देश के लिए कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ब्रिटेन की रॉयल नेवी के साथ इसने फॉकलैंड युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जुलाई 1989 में श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन ज्यूपिटर में हिस्सा लिया। 2001 के संसद हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में अहम भूमिका निभाई।


ब्रिटेन की रॉयल नेवी का रहा हिस्सा
भारत से पहले ब्रिटेन की रॉयल नेवी में एचएमएस हरमस के रूप में 25 साल अपनी सेवाएं दे चुका था. ब्रिटेन की रॉयल नेवी का हिस्सा रहने के दौरान प्रिंस चार्ल्स ने इसी पोत पर नौसेना अधिकारी की अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी। फॉकलैंड युद्ध में ​​ब्रिटिश नेवी की तरफ से इस पोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.