किसान आंदोलन के नाम पर इस समय नए-नए संगठन उत्पन्न हो रहे हैं। इनके नित नए दावे भी हैं। इन दावों में से ही एक दावा वो भी है जिसमें संगठन ने दावा किया था कि किसानों के समर्थन में पूर्व सैनिक अपने शौर्य चक्र राष्ट्रपति के पास लौटानेवाले हैं। जिसे अब रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गलत व भ्रामक बताया है।
सेना के नाम पर मनगढ़ंत जानकारी फैलाने का एक नया मामला सामने आया है। जिसमें सबका सैनिक संघर्ष कमिटी नामक संस्था के लेटर हेड पर छपा एक पत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घूम रहा था। इस मुद्दे में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया है कि ये संदेश पूरी तरह से गलत है।
क्या था मामला?
दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में न नेताओं की कमी है और न ही संगठनों की। नित-नए संगठन सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक संगठन का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो राष्ट्रपति को लिखा गया है। इस पत्र में राष्ट्रपति से समय मांगा गया है। जिससे देश के सैनिकों को प्रदान किये गए 25 हजार शौर्य चक्रों को किसान आंदोलन के समर्थन में लौटाया जा सके।
Malicious claim of a press report regarding return of Shaurya Chakra awards aimed at damaging reputation of defence forces
https://t.co/gsM8ESjyz7@DefenceMinIndia @rajnathsingh @RajnathSingh_in @IAF_MCC @drajaykumar_ias @indiannavy @adgpi @PIB_India @DRDO_India— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) December 15, 2020
मामला फर्जी है
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए.भारत भूषण बाबू ने स्पष्ट किया है कि यह पूरी तरह से गलत दावा है। ऐसी खबरों से सेना की कीर्ति और सम्मान को झटका लगता है। सच ये है कि 1956 से 2019 के बीच मात्र 2,048 सेना नायकों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने मीडिया से ऐसे भ्रामक समाचारों से बचने और उनकी पड़ताल करके ही प्रसारित करने का सलाह दी है।
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