प्राणों को मिलेगी अब जर्मन मशीन की वायु! रक्षा मंत्रालय का बड़ा निर्णय

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए रक्षा मंत्रालय अब कई महत्पूर्ण निर्णय लेने जा रहा है। जिसमें विदेश से संसाधनों का आयात भी शामिल है।

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देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए अब रक्षा मंत्रालय ने 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के आयात का निर्णय लिया है। ये प्लांट जर्मनी से लाए जाएंगे। कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी के कारण संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है।

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रक्षा मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

  • देश के प्राणों के लिए अब जर्मनी की मशीन करेगी ऑक्सीजन (वायु) का निर्माण। यह मशीन प्रति मिनट 40 लीटर ऑक्सीजन का निर्माण करेगी और प्रति घंटे 2,400 लीटर। इसके लिए मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लाने को मंजूरी मिल गई है।
  • कोरोना के संकट को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने 238 शॉर्ट सर्विस कमिशन के डॉक्टरों को सेवा विस्तार दे दिया है। ये डॉक्टर अब आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस को 31 दिसंबर तक अपनी सेवाएं देंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने जानकारी दी कि जर्मनी से आनेवाले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस के अंतर्गत लगाया जाएगा। यह निर्णय रक्षा मंत्री द्वारा आपात आर्थिक निर्णय लेने के अधिकार तीनों सेनाओं को देने के बाद लिया गया है। आपात खरीद की अनुमति मिलने के बाद अब सेना कोविड 19 से लड़ने के लिए आवश्यक साजो सामान को खरीद सकेगी।

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सेना जिन 23 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को खरीद रही है उन्हें जर्मनी से हवाई मार्ग से लाया जाएगा। जिससे ये जल्दी पहुंचे और आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस के अस्पतालों में सेवा ली जा सके। इस प्लांट की विशेषता है कि इसे आसानी से कहीं भी ले जाया सकता है।

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