कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी गतिविधियों को रोकने को लेकर जम्मू-कश्मीर जांच एजेंसी ने 3 अगस्त को मेंढर, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा और हंदवाड़ा में करीब सात जगह पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान हालांकि किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया, लेकिन बिटकॉइन के जरिए आतंकियों व अलगाववादियों के लिए पैसा जुटाने संबंधी कई डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए बिटकॉइन के जरिए पैसा उपलब्ध कराने के मामले की जांच अभी शुरुआती दौर में है। इस नए षड्यंत्र का सूत्रधार पाकिस्तान में ही बैठा है और वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और कुछ आतंकी संगठनों के कमांडरों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी व अलगाववादी तत्वों के एजेंटों को बिटकॉइन के जरिए पैसा पहुंचा रहा है। यह तत्व बिटकॉइन के रूप में पैसा प्राप्त करने के बाद उसे भारतीय मुद्रा में बदल आतंकी व अलगाववादियों को पहुंचाते हैं।
सात लोगों के घरों में ली गई तलाशी
प्रवक्ता ने बताया कि सभी आवश्यक सबूत जमा करने के बाद ही जांच एजेंसी ने 3 अगस्त को प्रदेश में सात लोगों के घरों की तलाशी ली है। इनमें जिला कुपवाड़ा में एलओसी के साथ सटे हाजीनाका मनिगाह में जाहिद बानो, कुपवाड़ा के लोन हारी में गुलाम मुजतबा दीदड़, सतकोजी राजवार हंदवाड़ा में तमजीदा बेगम, दीवान बाग बारामुला में यासिर अहमद मीर, तरजपोरा बारामुला में मोहम्मद सैयद मसूदी, गगरियां पुंछ में फारूक अहमद और धराना मेंढर में इमरान चौधरी के घर की तलाशी ली गई है।
इन देशों से आ रहा है पैसा
उन्होंने बताया कि जांच में पता चला है कि जिन लोगों के घरों में तलाशी ली गई है, इन लोगों को बिटकॉइन के जरिए पैसा पाकिस्तान से ही आ रहा था। पैसा कहां से आ रहा है और कौन इसे भेज रहा है, यह पता न चले, इसके लिए एक खाते से दूसरे और दूसरे से तीसरे खाते समेत कई खातों में पैसा स्थानांतरित होता था। बिटकॉइन के अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की प्रक्रिया में व्याप्त खामियों का पूरा लाभ उठाया जा रहा था। जांच के दौरान सिम कार्ड, मोबाइल फोन समेत कई डिजिटल उपकरण और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है। मामले में इन लोगों से पूछताछ की जा रही है।