Kargil Vijay Diwas: विश्व के सभी बड़े देशों के पास युद्ध लड़ने के लिए सैनिकों की कमी; ब्रिगेडियर हेमन्त महाजन

ब्रिगेडियर महाजन ने कहा कि 'नाटो' के पास भी कोई सैनिक नहीं है, इसलिए वे यूक्रेन को सैनिक मुहैया नहीं करा सकते। 'नाटो' एक सजावटी गुड़िया बन गया है। अब रूस इस युद्ध में भाड़े के सैनिकों की भर्ती कर रहा है।

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Kargil Vijay Diwas: हथियार से ज्यादा महत्व हथियार चलाने वाले सैनिक का होता है, क्योंकि आज दुनिया में जगह-जगह युद्ध चल रहे हैं, जिनमें एक से बढ़कर एक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस अभी भी युद्ध नहीं जीत पा रहा है, क्योंकि रूस के पास अब सैनिक नहीं हैं, जो सैनिक बचे हैं, वे लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ब्रिगेडियर हेमन्त महाजन ने बताया कि ऐसी ही स्थिति आज सभी बड़े देशों की हो गयी है।

ब्रिगेडियर हेमंत महाजन कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार, 27 जुलाई को स्वातंत्र्यवीर राष्ट्रीय स्मारक के मादाम कामा सभागार में सावरकर स्ट्रैटजिक सेंटर द्वारा आयोजित ‘गाथा पराक्रम की’ व्याख्यान में बोल रहे थे। इस मौके पर स्मारक की कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाहक राजेंद्र वराडकर, सह कार्यवाहक स्वप्निल सावरकर मौजूद रहे।

नाटो के पास कोई सेना नहीं
ब्रिगेडियर महाजन ने कहा कि ‘नाटो’ के पास भी कोई सैनिक नहीं है, इसलिए वे यूक्रेन को सैनिक मुहैया नहीं करा सकते। ‘नाटो’ एक सजावटी गुड़िया बन गया है। अब रूस इस युद्ध में भाड़े के सैनिकों की भर्ती कर रहा है। भूटान, भारत, बांग्लादेश के नागरिक युद्ध में भाग ले रहे हैं। अब रूस ने जेल के कैदियों को सेना में भर्ती कर लिया है। इस युद्ध में अब तक 8 हजार से ज्यादा रूसी कैदी मारे जा चुके हैं। आज रूस के पास लड़ने के लिए पर्याप्त सेना नहीं बची है। यही हाल इजराइल का है। मौजूदा युद्धविराम के पीछे यह एक अहम कारण है। ब्रिगेडियर हेमंत महाजन ने कहा, “चाहे किसी के पास कितने भी आधुनिक हथियार हों, अगर सैन्य बल नहीं है, तो इसका कोई फायदा नहीं है।”

कारगिल युद्ध में नहीं किया गया था टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
कारगिल इतिहास है, इससे सीखना फायदेमंद रहेगा। कारगिल युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों और अधिकारियों ने 8 महीने, 1 साल, 3 साल तक की सेवा की है। लेकिन उनमें लड़ने की इच्छाशक्ति थी। इस युद्ध में तकनीक का बहुत कम उपयोग हुआ। बस वीरता, साहस और नेतृत्व की आवश्यकता थी। जो लोग वहां गए थे, वो सभी जानते थे कि उनमें से कम से कम 50 प्रतिशत वापस नहीं लौटेंगे, फिर भी युद्ध में चले गए। ब्रिगेडियर महाजन ने कहा कि युद्ध के बाद जो बचे हुए सैनिक लौटे, उनमें से कई की शादी हो चुकी थी, जिनमें से 99 प्रतिशत का रिश्ता टूट चुका था।

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पाकिस्तान अब कभी युद्ध नहीं करेगा, लेकिन..
क्या फिर होगा कारगिल युद्ध? इस प्रश्न का उत्तर नहीं है’। क्योंकि अब उस इलाके में भारत की गश्त बढ़ गई है, लेकिन हमारे 580 द्वीप समूह हैं। जिनकी रक्षा बड़ी चुनौती है। ब्रिगेडियर महाजन ने यह भी कहा कि उनमें से ज्यादातर जगहें निर्जन हैं, वे जगहें तस्करों की शरणस्थली बन गई हैं, अगर पाकिस्तान उन पर कब्जा कर लेता है तो वह वहां ज्यादा समय तक नहीं रह पाएगा। पाकिस्तान फिर कभी भारत के साथ युद्ध नहीं करेगा, लेकिन वह आतंकी गतिविधियां बढ़ा सकता है। ब्रिगेडियर महाजन ने कहा, भारत में पाकिस्तान समर्थक नेता और संगठन अधिक खतरनाक हैं।

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