केंद्र सरकार देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रखना चाहती। चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं के बाद अब उसने नेपाल व भूटान की सीमाओं पर भी सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में ट्राइ जंक्शन की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल के दर्जन भर बटालियनों के गठन को मंजूरी दे दी है। इन नई बटालियनों में 13 हजार से अधिक जवान होंगे।
बता दें कि अक्टूबर 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसएसबी के कामकाज की समीक्षा की थी। उसके बाद उन्होंने दोनों सीमाओं पर खतरे के आकलन करने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्रालय को दी थी जानकारी
गृह मंत्री के इस निर्देश के बाद एसएसबी ने 12 नई बटालियनों, एक फ्रंटियर के साथ ही कम से कम तीन सेक्टर हेडक्वार्टर की आवश्यकता के बारे में मंत्रालय को सूचित किया था। लेकिन गृह मंत्रालय ने 12 बटालियनों और सिर्फ एक सेक्टर हेडक्वार्टर को मंजूरी दी। अधिकारियों का मानना है कि बाकी सेक्टर हेडक्वार्टर और एक फ्रंटियर हेडक्वार्टर को अगले चरण में मंजूरी मिलेगी। मंजूर किए गए सेक्टर हेडक्वार्टर की स्थापना दिल्ली-एनसीआर में किए जाने की संभावना है।
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नई बटालियनों का ऐसे होगा उपयोग
नई बटालियनों का उपयोग अंतर-सीमा आउटपोस्ट की दूरी घटाने, नेपाल व भूटान से सटे व्यापार और मार्गो को मजबूत करने व सिक्किम में ट्राइ-जंक्शन क्षेत्र में एसएसबी की ताकत में वृद्धि करने के लिए किया जाएगा।
क्या है ट्राइ-जंक्शन?
सिक्किम स्थित ट्राइ-जंक्शन भारत, भूटान और तिब्बत के बीच पठारी इलाका है। एससएबी इस क्षेत्र के ठीक नीचे दक्षिणी ओर तैनात है। 2017 में ट्राइ-जंक्शन के डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं 70 दिनों तक आमने-सामने थीं। एसएसबी में इस समय 90 हजार से अधिक जवान हैं।