जम्मू संभाग के सांबा जिले में सुंजवां के जलालाबाद में हुए आतंकी हमले की जांच रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। यह हमला प्रधानमंत्री की रैली के ठीक दो दिन पहले हुआ था। इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं। हमले के बाद हुई मुठभेड़ में मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के दोनों आतंकियों के अफगानी होने की आशंका जताई जा रही है।
हिरासत में लिए गए तीन आरोपी
जम्मू पुलिस ने इस मामले में अभी तक तीन आरोपितों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। अभी तक की गई जांच के आधार पर यह बात सामने आई है कि आतंकियों ने जम्मू में सुंजवां सैन्य शिविर पर हमले की साजिश पागल जमात नाम की एक टेलीग्राम आईडी का उपयोग करके बनाई थी। सुंजवां में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया था और नौ अन्य घायल हो गए थे।
ये भी पढ़ें – खतरनाक विस्फोटक के साथ दबोचे गए दो आतंकी! जानिये, कितना खतरनाक था उनका इरादा
मारे गए थे दो आतंकी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पल्ली पंचायत में रैली से दो दिन पूर्व हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते के दो आतंकी मारे गए थे। इन दोनों के अफगानी होने की आंशका है। इससे पहले भी सुंजवां में दो बार आतंकी हमला हो चुका है और इन हमलों की जांच भी एनआईए ही कर रही है।