भारत के विश्व स्वास्थ्य संगठन में प्रतिनिधि डॉ. रोडरिको एच ऑफरिन ने डब्ल्यूएचओ की भारत में पाए गए कोरोना वैरिएंट B.1.617 को लेकर चिंता का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जिस वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है, उस पर कोरोना की दवाएं और वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी हैं। इसलिए इसे लेकर ज्यादा चिंता करने की जरुत नहीं है।
Based on what WHO knows so far as per discussions with experts globally, vaccines, therapeutics and diagnostics continue to be effective against B.1.617 variant (of COVID-19), which WHO has classified as a variant of concern: WHO Representative to India, Dr Roderico H Ofrin pic.twitter.com/UtoDl6eRu2
— ANI (@ANI) May 11, 2021
डब्ल्यूएचओ ने वैरिएंट को लेकर कही है ये बात
डब्लयूएचओ की मारिया वान कारखोवे ने कहा है कि भारत में पाए गए डबल म्यूटेंट यानी बी.1.617 वैरिएंट को हम विश्व स्तर पर चिंता के कारण के रुप में वर्गीकृत कर रहे हैं। इस बारे में ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है, जिससे इसकी संक्रामकता का पता चलता है। यह काफी तेजी से संक्रमण फैला सकता है। बी.1.617 का करीबी वैरिएंट भारत में पिछले साल दिसंबर में पाया गया था। इससे पहले एक वैरिएंट अक्टूबर 2020 में भी पाया गया था। यह वैरिएंट अब तक कई देशों में फैल चुका है। तेजी से संक्रमण के कारण कई देशों ने भारत से आवाजाही सीमित या प्रतिबंधित कर दी है।
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We need much more information about this (B1617) virus variant and all of the sub-lineages. We need more targeted sequencing to be done: Dr Maria Van Kerkhove
— ANI (@ANI) May 11, 2021
डब्ल्यूएचओ की भूमिका संदेहास्पद
बता दें कि कोरोना के प्रादुर्भाव होने के समय से ही डब्ल्यूएचओ की भूमिका संदिग्ध रही है। उस पर चीन का पक्ष लेने का खुला आरोप लगता रहा है। जब दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में इसके वायरस का पता चला था, उस समय डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम चीन गए थे और उन्होंने दुनिया को आश्वस्त किया था, कि इसके वायरस पर नियंत्रण के लिए चीन से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने की कोई जरुरत नहीं है। उसके बाद यह चीनी वायरस दुनिया भर में तेजी से फैल गया था और उसका खमियाजा अभी तक पूरी दुनिया भुगत रही है।
66 देशों ने डब्ल्यूएचओ की भूमिका पर उठाए थे सवाल
इसे लेकर अमेरिका के साथ ही दुनिया के 66 देशों ने डब्ल्यूएचओ पर उंगली उठाई थी। फिलहाल जब ऑस्ट्रेलिया समेत विश्व भर के मीडिया में चीन के लैब में कोरोना वायरस को तैयार करने की खबरें प्रकाशित कर रही हैं, तब डब्ल्यूएचओ की मारिया जैसे अधिकारी भारत को बदनाम करने के लिए तरह-तरह के बयान दे रही हैं। इस तरह के बयान देकर वे दुनिया और मीडिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।