मध्य प्रदेश में महू के पास स्थित लक्ष्मी विहार कॉलोनी, गवली पलासिया के जासूसी कांड में नजरबंद हीना और यास्मिन को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी। हालांकि मामला गंभीर और असंवैधानिक था, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिलने पर पुलिस ने इन्हें क्लीन चिट दे दी। पुलिस का कहना है कि पाकिस्तानी एजेंट लड़कियों से कोई गोपनीय जानकारी लेते, उससे पहले ही इन्हें एजेंसी ने पकड़ लिया। हालांकि इन लड़कियों को इतनी जल्दी क्लीन चिट दिए जाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
25 मई की सुबह तक इस मामले को गंभीर और देश के लिए खतरनाक बताने वाली स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियों ने शाम होते-होते इन्हें क्लीन चिट दे दी। जबकि छोटे-छोटे मामले में भी पुलिस कई दिनों तक पूछताछ करती है और न्यायालय से रिमांड पर लेने के लिए पूरी ताकत लगा देती है।
फंसा रहे थे पाकिस्तानी
पुलिस का तर्क है कि जांच के दौरान यह पचा चला कि हीना और यास्मिन जिन लोगों से संपर्क में थीं, वे पाकिस्तीनी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंट हैं और वे युवतियों को जाल में फंसा रहे थे। इसी क्रम में आइबी ने इन्हें ट्रेस कर लिया और मामले की आंच इन युवतियों तक पहुंच गई।
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सेवानिवृत सेना के नायक की बेटियां हैं लड़कियां
लक्ष्मी विहार कॉलोनी निवासी ये दोनों लड़कियां सेवानिवृत सेना के नायक चांद खां की बेटियां हैं। उच्च शिक्षित दोनों लड़कियों से जासूसी मामले में जांच एजेसिंयां पूछताछ कर रही थीं। ये दोनों पाकिस्तानी दिलावर और मोहसीन के संपर्क में थीं।
आइजी ने दी जानकारी
आइजी हरिनारायणचारी मिश्र ने इस बारे में बताया कि दोनों युवतियों के मोबाइल और फेसबुक डाटा भी प्राप्त कर लिए गए हैं। इन ब्यौरों से यह पता चला है कि वे उन पाकिस्तानियों से शादी को लेकर बातें करती थीं। बैंक खातों और परिचितों की जांच हो चुकी है। कुछ सैन्यकर्मी, टेक्निशियन जांच के दायरे में हैं। उनसे मिलट्री एजेंसी पूछताछ कर रही है