अमेरिका के ग्वाम समुद्री क्षेत्र में क्वाड देशों का सैन्य अभ्यास शुरू हो चुका है। मालाबार 21 नामक इस नौसैनिक सैन्य अभ्यास से चीन को टेंशन हो सकती है। इसके पहले 2020 में दक्षिण चीन समुद्र में क्वाड देशों ने अभ्यास किया था।
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का संयुक्त नैसेना अभ्यास मालाबार शुरू हो चुका है। यह इंडो पैसिफिक सागर में चीन की विस्तारवादी सोच को समाप्त करने और इस क्षेत्र मुक्त नौवहन को सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
भारत की शिवालिक और कडमट शामिल
भारत ने अपने स्टेल्थ फ्रिगेट आईएएश शिवालिक, एंटी सबमरीन कॉर्वेट आईएनएस कडमट्ट और पी8आई की मेरिटाइम सर्विलांस एयक्राफ्ट शामिल है। मालाबार सैन्य अभ्यास का यह 25वां संस्करण है।
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उच्च तकनीकी से लैस अभ्यास
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मढवाल ने बताया कि, मालाबार 21 में चार देशों की सेनाएं जटिल सैन्य अभ्यासों में हिस्सा लेकर आपसी तालमेल को विकसित करेंगी। जिसमें एंटी सबमरीन वॉरफेयर ड्रिल तथा अन्य संचालन व युद्धाभ्यास शामिल है।
बढ़ सकते हैं देश
एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में अमेरिकी कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में सामने आ रही चुनौतियों को सामने रखा। उन्होंने इस क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी कार्यों के और ध्यान अकृष्ट किया।
मालाबार नौसेना अभ्यास का इतिहास
यह नौसेना अभ्यास की शुरूआत 1992 में हुई थी। जिसमें भारत और अमेरिका की नौसेना शामिल थी। 2015 में इस दल में जापान जुड़ा और वह इसका स्थाई सदस्य बन गया। वर्ष 2020 में इसमें ऑस्ट्रेलिया भी जुड़ गया। इसके पहले 2018 में ग्वाम समुद्र में, 2019 में जापान के समुद्र और 2020 में बंगाल की खाड़ी में यह अभ्यास हुआ था।