छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियो के चंगुल से 6 दिनों बाद छूटा सीआरपीएफ का कोबरा कमांडो और जम्मू का बेटा राकेश्वर सिंह मनहास 16 अप्रैल को जम्मू पहुंच गया। 3 अप्रैल को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में राकेश्वर सिंह के 22 साथी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इसके साथ ही 32 सीआरपीएफ जवान घायल भी हो गए थे। इस हमले में करीब एक दर्जन नक्सली भी मारे गए थे। इस बीच राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने बंधक बना लिया था। 6 दिन बाद नक्सलियों ने उन्हें रिहा किया था।
नारों से स्वागत
राकेश्वर सिंह 16 अप्रैल को 1.30 बजे जम्मू एयरपोर्ट पहुंचे, जहां पहले से ही सैकड़ों लोग उनके स्वागत के लिए खड़े थे। उनमें उनके परिवार के लोग भी शामिल थे। उनके एयर पोर्ट पर उतरते ही लोगों ने भारत माता की जय और राकेश्वर सिंह जिंदाबाद के नारे के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
परिजनों के लिए कही ये बात
यहां से राकेश्वर सिंह को उनके गांव बरनाई ले जाया गया। वहां कांगड़ा फोर्ट में उनके स्वागत के लिए विशेष तैयारी की गई थी। अपने गांव पहुंचने के बाद राकेश्वर सिंह ने कहा कि सबसे पहले वे अपने परिवार से मिलना चाहते हैं क्योंकि परिवार ने उनके बंधक रहते जो पल बितए हैं, मैं उनका दर्द समझ सकता हूं।
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लोगो को दिया धन्यवाद
राकेश्वर सिंह ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने दुख की घड़ी में उनके परिवार का साथ दिया। उधर राकेश सिंह की एक झलक पाने के लिए उनके घर व कांगड़ा फोर्ट के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।