रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में प्रयोग कर रहा है। इसी बीच शांति वार्ता की दूसरी बैठक के लिए रूस का प्रतिनिधिमंडल बेलारूस पहुंच गया है, जबकि यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल 3 मार्च को यहां पहुंचेगा।
रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने भारतीय छात्रों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बंधक बना लिया है ताकि उन्हें जाने से रोका जा सके। खबरों के अनुसार खारकीव मेट्रो स्टेशन पर तीन सौ से ज्यादा भारतीय कर्फ्यू के चलते फंसे हैं। इससे पहले भारत ने दिन में एडवाइजरी जारी कर कहा था कि जो भी भारतीय खारकीव में फंसे हैं, वो किसी भी तरह वहां से चले जाएं।
प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति से की थी सहयोग की मांग
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुतिन से खारकीव में भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए सहयोग मांगा था। खारकीव को लेकर सरकार पहले ही भारतीयों के लिए दो बार एडवाइजरी भी जारी कर चुकी है। सरकार की ओर से सभी नागरिकों को तत्काल शहर छोड़कर पश्चिमी शहरों की जाने का आग्रह किया गया है। सरकार की एडवाइजरी के बाद जहां रूसी सैनिकों ने शहर में मिसाइल अटैक शुरू कर दिए हैं तो दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन भी शहर में कर्फ्यू घोषित लगा दिया गया है।
भारत सरकार ने दी थी शहर छोड़ने की सलाह
भारत सरकार ने भारतीयों किसी भी सूरत में शहर छोड़ देने की सलाह दी थी। भारतीयों को पैदल चलकर ही पिसोचिन, बाबई और बेज़लुदिवका के सुरक्षित क्षेत्रों में चले जाने की अपील की गई। ये सभी क्षेत्र खारकीव से 11 से 16 किमी के बीच स्थित हैं। भारतीयों को इन स्थानों तक पहुंचने के लिए पांच घंटे से कम समय का समय दिया गया है।
मारे गए भारतीय छात्र की रूस करेगा जांच
इससे पहले रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए भारतीय छात्र की मौत की जांच करेगा। भारत में रूसी राजदूत नामित डेनिस अलीपोव ने 2 मार्च को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए “मानवीय गलियारा” बनाने के लिए काम कर रहा है और खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत की जांच करेगा।