स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट (Stealth Guided Missile Frigate) आईएनएस नीलगिरी (INS Nilgiri) और विध्वंसक आईएनएस सूरत (Destroyer INS Surat) इस साल के अंत तक नौसेना (Navy) में शामिल हो जाएंगे, जिससे हजारों मील लंबे नीले समुद्र में भारत (India) की ताकत में काफी इजाफा होगा। ये उन्नत युद्धपोत (Warship) भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने और इसकी लंबी तटरेखा की सुरक्षा सुनिश्चित (Ensuring Security) करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नौसेना के अधिकारियों के अनुसार, प्रोजेक्ट-17 के तहत अल्फा स्टील्थ फ्रिगेट्स में पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरी इस साल तक भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा। जबकि प्रोजेक्ट 15-बी के तहत चौथे स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘सूरत’ का परीक्षण भी अंतिम चरण में है। प्रोजेक्ट 15-बी के तहत चौथा स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत आईएनएस ‘सूरत’ इस साल के अंत तक नौसेना में शामिल हो जाएगा।
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अगली पीढ़ी के स्टील्थ और गाइडेड मिसाइलों से लैस ये विध्वंसक हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे। इस श्रेणी के दो युद्धपोत विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम और आईएनएस मोरमुगाओ को क्रमश: 2021 और 2022 में नौसेना में शामिल किया गया था, जबकि आईएनएस इंफाल को पिछले साल नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था।
नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि समुद्र में दुश्मन की कब्रगाह बनाने की क्षमता रखने वाले ये जहाज तीन आयामों में खतरों को बेअसर करने में सक्षम हैं। ये अत्याधुनिक युद्धपोत हवा, सतह और पानी के नीचे से किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं।
पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर रखे गए युद्धपोत
आईएनएस नीलगिरि, आईएनएस हिमगिरि, आईएनएस उदयगिरि, आईएनएस दुनागिरि, आईएनएस तारागिरि, आईएनएस विंध्यगिरि और आईएनएस महेंद्रगिरि।
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