26/11 के बाद भी होना चाहिए था सर्जिकल स्ट्राइक? जानिये, क्या कहते हैं रक्षा विशेषज्ञ

मुंबई हमले में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। 10 आतंकियों में से नौ मारे गए थे और एक अजमल कसाब पकड़ लिया गया था।

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राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी के संस्थापक चीफ इंस्ट्रक्टर रहे जनरल( रिटा.) राज कायदान ने कहा है कि 26 नवंबर,2008 को मुंबई हमला देश पर हमला था। उसके बदले में पाकिस्तान के खिलाफ पुलवामा हमले के बाद की गई कार्रवाई की तरह एयर स्ट्राइक किया जाना चाहिए था। पुलवामा हमले के बाद जिस तरह सीमा पार कर बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की गई, उससे देश का मनोबल बढ़ा और आतंकियों में खौफ पैदा हुआ। इसके साथ ही आतंकियों की फैक्ट्री पाकिस्तान का मनोबल भी टूटा।

जनरल( रिटा.) कायदान ने कहा कि पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया में यह संदेश गया कि भारत को सिर्फ धैर्य रखना ही नहीं आता, जरुरत पड़ने पर मुंहतोड़ जवाब देना भी आता है।

कसाब ने किया था साजिश का भंडाफोड़
बता दें कि मुंबई हमले में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। 10 आतंकियों में से नौ मारे गए थे और एक अजमल कसाब पकड़ लिया गया था। कायदान का कहना है कि कसाब ने हमले के बारे में पूरी जानकारी दी थी। उसने पूछताछ में इसके पीछे पाकिस्तान की साजिश होने के साथ ही पूरी प्लानिंग की जानकारी दी थी। फिर भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करना भारत की दुर्बलता को दिखाता है।

इसलिए एयर स्ट्राइक थी जरुरी
जनरल( रिटा.) कायदान ने मुंबई हमले को पुलवामा हमले से भी बड़ा हमला बताते हुए कहा कि उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने से देश और हमारे जवानों का मनोबल बढ़ता।

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कौन हैं जनरल( रिटा.) कायदान?
लेफ्टिनेंट जनरल( रिटा.) राज कायदान ने 1965 और 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कारगिल युद्ध के समय स्ट्राइक कोर कमांडर के पद पर तैनात थे। वे काफी समय तक एनएसजी में ट्रेनिंग इंचार्ज थे। उन्होंने मुंबई हमले की बरसी पर एक विशेष बातचीत में यह बात कही।

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने ट्विट कर किया सचेत
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और रक्षा विशेषज्ञ प्रवीण दीक्षित ने 26/11 की बरसी पर ट्वीट किया है, “रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख ‘हाफ़िज़ सईद’ पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा में जिहादियों को अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए हथियारों के साथ लामबंद कर रहा है। हम 26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले को नहीं भूल सकते। उस हमले को इन लोगों ने ही कराया था। इसलिए एजेंसियों और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।”

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