Survey Vessel Sandhyak: रक्षा मंत्री (Defense Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Admiral R. Hari Kumar) की मौजूदगी में 3 फ़रवरी को सर्वेक्षण पोत ‘संध्याक’ (Survey Vessel Sandhyak) औपचारिक तौर पर नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। नौसेना के बेड़े में इसे शामिल किया जाना हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की समुद्री ताकत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसका उपयोग हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण में किया जाएगा जैसे चीनी नौसेना भारत और अन्य के निकट महासागर में करती है।
रक्षा मंत्रालय ने गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के साथ 30 अक्टूबर, 2018 को 2435 करोड़ रुपये की कुल लागत से चार सर्वेक्षण पोतों (लार्ज) का निर्माण करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। इन पोतों को इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग क्लासिफिकेशन सोसायटी के नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है। इस पोत की प्राथमिक भूमिका बंदरगाह तक पहुंचने वाले मार्गों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना और नौवहन मार्गों का निर्धारण करना होगी। इसके परिचालन क्षेत्र में ईईजेड, एक्सटेंडेड कॉन्टिनेंटल शेल्फ तक की समुद्री सीमाएं शामिल हैं। ये पोत रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा भी एकत्र करेंगे।
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh attending the Commissioning Ceremony of #INSSandhayak in Visakhapatnam.
Here is the glimpse of #INSSandhayak @indiannavy pic.twitter.com/rZXTOqH4DZ
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) February 3, 2024
डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम से लैस
इन पोतों की दूसरी भूमिका युद्ध या आपातकालीन स्थिति के दौरान अस्पताल के रूप में कार्य करेगा। लगभग 3400 टन के विस्थापन के साथ 110 मीटर लंबा और 16 मीटर चौड़ा ‘संध्याक’ अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, रिमोट चालित वाहन, डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से लैस है। दो डीजल इंजनों से संचालित यह पोत 18 समुद्री मील से अधिक की गति से चलने में सक्षम है। ये जहाज मौजूदा संध्याक श्रेणी के सर्वेक्षण जहाजों की जगह लेंगे, जो समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा एकत्र करने के लिए नई पीढ़ी के हाइड्रोग्राफिक उपकरणों से लैस हैं।
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एलएंडटी शिपबिल्डिंग ने किया निर्माण
इस प्रोजेक्ट का पहला सर्वेक्षण जहाज ‘संध्याक’ (यार्ड 3025) जीआरएसई ने बनाया है, जबकि शेष तीन जहाजों के निर्माण की परिकल्पना एलएंडटी शिपबिल्डिंग (L&T Shipbuilding), कट्टुपल्ली में की गई है। इस पोत के निर्माण की प्रक्रिया 12 मार्च, 2019 को शुरू हुई और इस पोत को 05 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया। बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजरने के बाद पिछले साल 04 दिसंबर को इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। संध्याक का निर्माण 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया गया है। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया है।
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