तो उन्हें लोकल ट्रेन में यात्रा की अनुमति क्यों नहीं? न्यायालय में सरकार को देना होगा उत्तर

महाराष्ट्र में कोरोना के कम होते मामलों के बीच लोग प्रतिबंधों में ढील देने की उम्मीद करने लगे हैं। इसके साथ ही लोग मुंबई लोकल में यात्रा करने की अनुमति की भी मांग करने लगे हैं।

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बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि जिन लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन के दोनों टीके लग गए हैं, उन्हें मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती है? चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने सरकार से पूछा कि जब वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद लोगों को घरों में ही रहना है तो टीकाकरण का क्या उद्देश्य है?

न्यायालय की टिप्पणी
उच्च न्यायालय ने कहा, “पहले और अब के बीच अंतर है। अब वैक्सीनेशन की वजह से स्थिति में सुधार हुआ है।” न्यायालय ने कहा कि सभी वकीलों की आयु 18 वर्ष से अधिक है और उन्हें  वैक्सीन लेने की अनुमति है। इसलिए, इस बारे में निर्णय लेने की आवश्यकता है। अन्यथा, वैक्सीन का क्या लाभ है? वैक्सीन लेने के बाद किसी को घर पर नहीं बैठना चाहिए। न्यायालय ने पूछा कि क्या राज्य सरकार के पास दोनों टीका लेनेवालों के लिए प्रतिबंधों में ढील देने की कोई व्यापक योजना है। इसकी अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

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महाराष्ट्र के महाधिवक्ता ने रखा सरकार का पक्ष
पीठ महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी की इस दलील का जवाब दे रही थी कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी वकीलों और अदालत के कर्मचारियों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति देने के लिए इच्छुक नहीं है। वर्तमान में केवल फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों को लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति है।

याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था न्यायालय
न्यायालय वकीलों और निजी व्यक्तियों द्वारा वरिष्ठ वकील मिलिंद साठे, श्याम दीवानी और अलंकार किरपेकर के माध्यम से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि वकीलों को लोकल और मेट्रो ट्रेनों से अदालतों व कार्यालयों तक यात्रा करने की अनुमति दी जाए। साठे ने न्यायालय को बताया कि चूंकि अब उच्च न्यायालय और अधीनस्थ अदालतों में प्रत्यक्ष रुप से सुनवाई फिर से शुरू कर दी गई है, इसलिए सभी वकीलों को लोकल ट्रेनों से यात्रा करने की अनुमति दी जाए।

रेलवे है तैयार
रेलवे की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायालय को बताया कि पश्चिम, मध्य और हार्बर रेलवे अधिकारियों ने वकीलों और अदालत के कर्मचारियों को मासिक, त्रैमासिक या छह महीने के यात्रा पास जारी करने पर सहमति व्यक्त की है। सिंह ने कहा कि वकीलों और अन्य अदालत के कर्मचारियों को बार काउंसिल और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से एक पत्र की आवश्यकता होगी, जिसमें प्रमाणित किया जाएगा कि उन्हें ट्रेनों से यात्रा करने की आवश्यकता है। उसके आधार पर उन्हें पास जारी किया जाएगा।

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