अफगानिस्तान में तालिबानी राज कायम होने से भले भी भारत में कोई बहुत बड़ा प्रत्यक्ष प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन उससे देश में सक्रिय आईएस और आतंकी संगठनों के हौसले काफी बुलंद हैं। वे अब तेजी से अपने नापाक मिशन को अंजाम देने की दिशा में काम करने लगे हैं। इसी कड़ी में दक्षिण भारत के जंगल उनके लिए स्वर्ग बन गए हैं। एक तरफ जहां वे केरल में लव जिहाद का शिकार बनाकर लड़कियों को इन जंगलों में चलाए जा रहे ट्रेनिंग कैंप में शामिल कर रहे हैं, वहीं वे देश-विदेश के अन्य आतंकी और नक्सली संगठनों से भी सांठगांठ कर रहे हैं।
प्रशिक्षण शिविर, लांचिंग पैड स्थापित करने की साजिश
खुफिया एजेंसियों ने यह दावा दक्षिण भारत के जंगलों में मिले सबूतों के आधार पर किया है। वहां के जंगलो में प्रशिक्षण शिविर, लांचिंग पैड स्थापित करने की उनकी कोशिश का पता चला है। यहां तक कि वे मानव बम की संभावनाओं पर भी काम कर रहे थे। इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकियों की सक्रियता के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रही देश की खुफिया एजेंसियों ने उनके खतरनाक इरादों का पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल की है। एजेंसियों ने केरल सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी इन खतरों से आगाह किया है।
देश में आतंकी गतिविधियां बढ़ने का दावा
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में आईएस से प्रेरित आतंकियों की संदिग्ध गतिविधियां देखी जा रही हैं। लेकिन केरल में सबसे ज्यादा भर्ती की जानकारी एजेंसियों को प्राप्त हुई है। इसके साथ ही बंगाल और कश्मीर में भी आतंकी गतिविधियां बढ़ने की आशंका खुफिया एजेंसियों ने जताई है।
इस किताब में कई अहम खुलासे
एजेंसियों ने कहा है कि आईएस से जुड़े अल आजम मीडिया फाउंडेशन द्वारा जारी की गई द मोबाइल बम नामक किताब ने भी आईएस के इस इलाके में खतरनाक साजिश को उजागर किया है। इस किताब में बताया गया है कि किस तरह विभिन्न रसायन का इस्तेमाल कर विस्फोटक बेल्ट और बनियान बनाया जा सकता है। बम बनाने के तरीकों के आलावा इसमे जिहाद पर जोर दिया गया है और दुश्मनों को खत्म करने की बात लिखी गई है।
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सोशल मीडिया का इस्तेमाल
वे इस किताब को सोशल मीडिया पर प्रचारित कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियो का दावा है कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद इस तरह के तत्वों के हौसले बुलंद हैं। इसे लेकर देश की एजेंसियां सतर्क हैं और वे खतरों का आकलन कर उनसे निपटने की रणनीति पर काम कर रही हैं।