विदेश मंत्रालय की ओर से छात्रों और भारतीय नागरिकों को निकालने के ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत सोमवार को छठा विमान हंगरी का बुडापेस्ट से उड़ान भरकर दिल्ली पहुंचा। विमान में करीब 240 भारतीय नागरिक सवार थे, जिनका एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने स्वागत किया।
भारत की ओर से अब तक यूक्रेन से उसके पड़ोसी देशों के माध्यम से भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए छह विमान संचालित हो चुके हैं। इनके माध्यम से 1396 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है।
ये एयरलाइंस भी संचालित करेंगी उड़ान
अभी तक एयर इंडिया की विशेष विमान उड़ानों का भारतीयों की निकासी के लिए उपयोग किया जा रहा था। अब स्पाइसजेट, एयर इंडिया एक्सप्रेस और इंडिगो ने भी हंगरी के बुडापेस्ट राजधानी और रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के लिए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए उड़ानें संचालित करेंगी।
सरकार का दावा
विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय दूतावास की ओर से जारी परामर्श के बाद से अब तक करीब 8 हजार भारतीय यूक्रेन छोड़ चुके हैं।
छात्रों ने सुनाया यूक्रेन का हाल
यूक्रेन से दिल्ली पहुंच रहे छात्रों का कहना है कि सरकार की ओर से मुहैया कराई गई सुविधाएं बहुत अच्छी थीं। हमारे परिवार काफी समय से चिंतित थे। वे भारत सरकार का हमें युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से निकालने के लिए धन्यवाद करते हैं। वहां की स्थिति बेहद गंभीर है। कई छात्र अभी भी युद्ध ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए हैं।
रोमानिया के भारतीय दूतावास ने दी सूचना
इसी बीच रोमानिया के भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा है कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ छात्रों से यूक्रेन से बाहर निकलने के लिए पैसे लिए गए हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यूक्रेन से भारतीय छात्रों और नागरिकों की निकासी के लिए सारा खर्च भारत सरकार वहन कर रही है।
विदेश मंत्रालय ने किया अनुरोध
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंद बागची का कहना है कि भारतीय नागरिकों को पश्चिमी यूक्रेन के पड़ोसी देशों की लगी सीमा से लगे क्षेत्रों में एकत्र नहीं होना चाहिए। इसके स्थान पर वह आसपास के शहरों में ठहर सकते हैं। भारतीय टीम उनसे संपर्क करेगी।