कहानी कारगिल की…जब भारत के वीर जवानों ने खदेड़ा था पाकिस्तानी सेना को

आज कारगिल विजय दिवस पर पूरा देश उन जवानों को याद कर रहा है, जिन्होंने कारगिल में देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।

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देश 24वां ‘कारगिल विजय दिवस’ (Kargil Victory Day) मनाने जा रहा है। यह खास दिन देश के उन वीर जवानों (Brave Soldiers) को समर्पित है, जिन्होंने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों (Pakistani Soldiers) को कारगिल से खदेड़ दिया था और दुर्गम चोटियों पर जीत का झंडा फहराया था। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कारगिल में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़े दो दशक से ज्यादा समय बीत चुका है।

देश के इन वीर जवानों की कहानी को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल 26 जुलाई को इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह कारगिल युद्ध के नायकों की बहादुरी और वीरता को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने भारी कीमत चुकाने के बावजूद ऑपरेशन विजय का नेतृत्व किया, जिसके कारण भारतीय सशस्त्र बलों को जीत मिली।

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गौरतलब हो कि 24 साल पहले 26 जुलाई 1999 को लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र कारगिल में भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों के साजिश को नाकाम कर दिया था। इस युद्ध में हमारे वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर न सिर्फ पाकिस्तानियों को हराया, बल्कि कारगिल की चोटियों पर तिरंगा भी लहराया। इस खास दिन पर उन महान जवानों की शहादत को याद कर हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इसीलिए हम हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं।

इस साल 2023 में यह ऐतिहासिक दिन भारत की आतंक पर ऐतिहासिक जीत के 24 साल पूरे होने का गवाह बनेगा।

कैसे वीर जवानों ने पाकिस्तानियों को खदेड़ा
3 मई, 1999 – कारगिल में स्थानीय चरवाहों ने भारतीय सेना को इलाके में पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के बारे में सतर्क किया था।

5 मई, 1999 – पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सेना के कम से कम पांच जवानों की हत्या कर दी गई।

10 मई, 1999 – भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ लॉन्च किया। पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में भारतीय सेना के गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाया।

26 मई 1999 – भारतीय सेना ने हवाई हमला किया।

27 मई, 1999 – भारतीय वायुसेना का एक मिग-27 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एयरफोर्स के 4 क्रू मेंबर्स वीर गति को प्राप्त हुए। पाकिस्तान ने विमान से बाहर निकलने वाले पायलट को युद्धबंदी के रूप में पकड़ लिया।

31 मई, 1999 – प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने घोषणा की कि कारगिल में युद्ध जैसी स्थिति है।

1 जून 1999 – अमेरिका और फ्रांस ने भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।

5 जून, 1999 – भारतीय सेना ने दस्तावेज़ जारी किए जिससे पाकिस्तान की संलिप्तता का पता चला।

9 जून, 1999 – भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर में दो महत्वपूर्ण ठिकानों पर दोबारा कब्ज़ा कर लिया।

10 जून, 1999 – पाकिस्तान ने जाट रेजिमेंट के छह सैनिकों के क्षत-विक्षत शव लौटाए।

13 जून, 1999 – भारत ने संघर्ष का रुख बदलते हुए महत्वपूर्ण तोलोलिंग चोटी पर पुनः कब्ज़ा कर लिया। प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कारगिल का दौरा किया।

15 जून, 1999 -अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पाकिस्तानी सैनिकों को वापस बुलाने का आग्रह किया।

20 जून, 1999 – भारतीय सेना ने 11 घंटे की लड़ाई के बाद टाइगर हिल के पास प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर कब्जा कर लिया।

5 जुलाई 1999 – बिल क्लिंटन नवाज शरीफ से मिले। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों की वापसी की घोषणा की।

11 जुलाई, 1999 – पाकिस्तानी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया। भारतीय सेना ने बटालिक की प्रमुख चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया।

14 जुलाई, 1999 – भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की घोषणा की।

26 जुलाई, 1999 – कारगिल युद्ध समाप्त हुआ।

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