सीडीएस बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे का कारण आया सामने, जांच रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा

8 दिसंबर, 2021 को हुई दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट ट्राई-सर्विसेज कोर्ट को सौंप दी गई है। जांच दल ने हेलीकॉप्टर के उड़ान डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का भी अध्ययन किया।

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भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित सेना के 14 वरिष्ठ अधिकारी तमिलनाडु के कुन्नूर में एक दुर्घटना में मारे गए थे। इस घटना ने देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। उसके बाद कई सवाल उठे कि ये हादसा कैसे हुआ, आखिर इन सभी की मौत का सही कारण क्या था? हालांकि, अब इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आई है। इससे दुर्घटना के सही कारणों का पता चलता है।

जांच रिपोर्ट में क्या है?
8 दिसंबर, 2021 को हुई दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट ट्राई-सर्विसेज कोर्ट को सौंप दी गई है। जांच दल ने हेलीकॉप्टर के उड़ान डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का भी अध्ययन किया। सभी गवाहों से भी पूछताछ की। इससे हादसे के कारणों का अंदाजा लग गया। जांच दल ने इस संभावना से इनकार किया है कि दुर्घटना यांत्रिक विफलता या लापरवाही के कारण हुई थी।

इस कारण हुई दुर्घटना
रिपोर्ट में मौसम में अचानक आया बदलाव और दृश्यता की कमी हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बताया गया है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने जांच रिपोर्ट में दी गई जानकारी के आधार पर कुछ सिफारिशें भी की हैं।

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वास्तव में हुआ क्या था?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा तमिलनाडु के कोयंबटूर और सुलूर के बीच कुन्नूर में हुआ। यहां के नीलगिरी के पहाड़ी क्षेत्र में वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उस वक्त हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे। इसमें सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी थे।तीनों सेनाओं के प्रमुख बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत भी हेलीकॉप्टर में थे। हादसे में रावत सहित 14 लोगों की मौत हो गई। इसमें रावत की पत्नी भी शामिल हैं। हादसे में वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बच गए  थे। हालांकि, बाद में उपचार के दौरान उनका भी निधन हो गया।

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