जब विश्व को इसका आभास भी नहीं था तब चीनी सेना के वैज्ञानिक कोरोना वायरस का जैविक हथियार के रूप में उपयोग करने की चर्चा कर रहे थे। चीनी सेना के वैज्ञानिक की चर्चा में सार्स सीओवी-2 का विषय था। उन्होंने वर्ष 2015 की आपसी चर्चा में यह भविष्यवाणी भी की थी कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों से लड़ा जाएगा।
यह चर्चा डॉक्यूमेंटेड है। जिसे 2015 में लिखा गया है। इसे चीन के वैज्ञानिक और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लिखा है। जिसे अमेरिकी स्टेट डिपार्मेंट ने प्राप्त करने में सफलता पाई है। यह खुलासा चीनी डॉक्टर और ऑस्ट्रेलिया ने किया है।
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ऑस्ट्रेलियन वेबसाईट न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू के अनुसार एक पेपर ‘दी अननेचुरल ओरिजिन ऑफ सार्स एंड न्यू स्पेसीस ऑफ मैन मेड वारयसेस ऐज़ जेनेटिक वेपन्स’ में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि आगला विश्व युद्ध जैविक हथियारों से लड़ा जाएगा और इसमें सार्स कोरोना वायरस नए युग का जैविक हथियार है।
A leaked 2015 government paper has revealed a discussion by top Chinese scientists who said a virus could be “unleashed in way never seen before”.https://t.co/nnStAAJQlP
— news.com.au (@newscomauHQ) May 8, 2021
चीन की भाषा में लिखे पेपर को चीन की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.लीमेंग यान अंग्रेजी में अनुवादित कर रही हैं।
डॉ.लीमेंग यान ने अपने ट्वीट में लिखा है कि उल्लेखित कागज ‘प्रेडिक्ट वर्ल्ड वॉर थ्री एज़ बायोलॉजिकल वॉर’ पिपल्स लिबरेशन आर्मी का जैविक हथियार पर उपन्यास (जनरल डेजॉंग सू द्वारा लिखित) है। ऑस्ट्रेलियन वेबसाइट के अनुसार इस डॉक्टूमेन्ट के 18 लेखक पिपल्स लिबरेसन आर्मी के वैज्ञानिक हैं।
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